- सनी देओल को साल 1997 में ट्रेन की चेन खींचने के मामले में राहत मिली है।
- जयपुर सेशन कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है।
- कोर्ट को सनी देओल और करिश्मा कपूर के खिलाफ कोई सूबूत नहीं मिले हैं।
मुंबई. सनी देओल और करिश्मा कपूर को 22 साल पुराने मामले में राहत मिली है। इन दोनों स्टार्स पर ट्रेन की चेन खींचने का मामला दर्ज था। जयपुर के सेशन जज पवन कुमार ने उन्हें इस केस से बरी कर दिया है।
सनी और करिश्मा ने सेशन कोर्ट में इस मामले पर रिविजन पेटिशन दायर की थी। इस याचिका में दोनों एक्टर्स ने खुद को इस मामले में बरी करने की अपील की थी। कोर्ट को सनी देओल और करिश्मा कपूर के खिलाफ कोई सूबूत नहीं मिले हैं।
जज पवन कुमार ने अपने फैसले में कहा कि रेलवे कोर्ट ने उन्हीं धाराओं में आरोप तय किए जिन्हें 2010 में सेशन कोर्ट खारिज कर चुका है। सेशन कोर्ट ने साल 2010 में दोनों को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, 17 सितंबर को रेलवे मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ आरोप तय किए।
रेलवे एक्ट के तहत दर्ज हुआ था मामला
रेलवे मजिस्ट्रेट ने सनी देओल और करिश्मा कपूर के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 141 (अनावश्यक रूप से एक ट्रेन में संचार के साधनों के साथ हस्तक्षेप), 145 (नशा करके उपद्रव करना), 146 (रेलवे कर्मचारी के काम में बाधा डालना) और 147 (अनधिकृत प्रवेश करना) के उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे।
सनी देओल और करिश्मा कपूर के वकील ए के जैन ने सत्र अदालत में इस आदेश के खिलफ याचिका दायर कर चुनौती दी थी। दोनों एक्टर्स के अलावा स्टंटमैन टीनू वर्मा और सतीश शाह को भी मामले में आरोपी बनाया गया था।
1997 की है घटना
चेन खींचने का ये मामला साल 1997 का है। सनी और करिश्मा राजस्थान के अजमेर जिले के फुलेरा गांव में फिल्म बजरंग की शूटिंग कर रहे थे। इस दौरान दोनों पर अवैध रूप से ट्रेन 2413-ए अपलिंक एक्सप्रेस की चेन को कथित तौर पर खींचने का आरोप लगा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चेन खींचने के कारण ट्रेन 25 मिनट लेट हुई थी। इसके बाद नरेना के सहायक स्टेशन मास्टर सीताराम मालाकार ने रेलवे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। सनी और करिश्मा के साथ फिल्म का पूरा क्रू भी मौजूद था।