लाइव टीवी

Jallikattu in Oscars: फिल्म जलीकट्टू का ऑस्‍कर तक पहुंचना क्‍यों है खास, चौंका देंगी फ‍िल्‍म की ये खास बातें

Updated Nov 26, 2020 | 11:12 IST

भारत और पूरे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के लिए जलीकट्टू फिल्म का ऑस्कर के लिए चयन गर्व की बात है। ऑस्कर के रिजल्ट के लिए हमें 25 अप्रैल तक करना होगा इंतजार। तब तक जानें फ‍िल्‍म की खास बातें।

Loading ...
jallikattu movie
मुख्य बातें
  • ऑस्कर के लिए मलयालम इंडस्ट्री की तीसरी फिल्म होने जा रही है जलीकट्टू
  • फिल्म में नहीं है किसी भी हीरो की भूमिका
  • जानवरों पर आधारित इस फिल्म में एक भी भैंस असली नहीं है

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को ऑस्कर में प्रतिनिधित्व करने के लिए अभी तक केवल 2 अवसर मिले हैं जबकि यह जलीकट्टू इसके लिए तीसरा अवसर होने जा रहा है। साल 1997 में राजीव अंचल द्वारा निर्देशित फिल्म गुरु जिसमें मुख्य भूमिका मोहनलाल ने निभाई थी ऑस्कर के लिए चुनी गई पहली मलयालम फिल्म थी। साल 2011 में दूसरी मलयालम फिल्म एडमिन्टे मकन अबू को ऑस्कर के लिए चयनित किया गया इस फिल्म में सलीम कुमार और जरीना वहाब मुख्य भूमिका में थे। हमें पूरी उम्मीद है कि जलीकट्टू सिर्फ ऑस्कर में चयनित होने वाली तीसरी मलयालम फिल्म ही नहीं बनेगी बल्कि बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म एकेडमी अवार्ड भी जीतेगी।

हम सभी को इस फिल्म के लिए जलीकट्टू के निर्देशक लिजो जोसे पैलिस्सरी और उनकी पूरी टीम को बधाई देनी चाहिए जिन्होंने 9 साल बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को फिर से ऑस्कर अवार्ड में जाने की खुशी दी है। हालांकि, इस फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड मिलता है या नहीं यह जानने के लिए अभी आपको 25 अप्रैल 2021 तक का इंतजार करना होगा। लेकिन ऑस्कर के लिए चयनित होना भी बहुत बड़ी बात है।

फिल्म में कोई हीरो नहीं है
कैंब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, हीरो एक ऐसा व्यक्ति होता है जो बहुत बहादुर होता है या उसे कुछ बहुत बड़ा हासिल करना होता है। अगर हम इस परिभाषा से चले तो यह तथ्य सही होगा कि जलीकट्टू में कोई हीरो नहीं है। लेकिन अगर एक भैंस को हीरो के रूप में देखा जाता है तो इस फिल्म में सत प्रतिशत एक हीरो है। जलीकट्टू एक ऐसी फिल्म है जिसमें दिखाया गया है कि इंसान और जानवर के बीच का फर्क करने वाली उस पतली सी लाइन को इंसान कैसे पार कर रहे हैं।

फिल्म में असली भैंसे नहीं द‍िखाए गए 
अगर आप फिल्म को देखते हुए यह सोच रहे हैं कि लिजो जोसे पैलिस्सरी ने कैसे इन भैंसों को शूट किया है तो हम आपको बता दें कि इस फिल्म में एक भी असली भैंस नहीं है। फिल्म को देखते हुए आपके मन में यह ख्याल जरूर आएगा कि यह सब भैंसें एकदम असली कैसे लग रही हैं तो उसका जवाब यह है कि टीम ने एनिमेट्रॉनिक्स टेक्निक और कुछ वीएफएक्स के इस्तेमाल से ऐसा कमाल किया है।

फिल्म में हर तरह की भावनाओं को एक साथ जोड़ कर देखना मुश्किल है
जलीकट्टू एक ऐसी फिल्म है जो आपको बांध के रखती है, इस फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि कैसे एक भैंस कसाई से अपनी जान बचाने के लिए भागती है। फिल्म दर्शकों को सीट से उठने का मौका नहीं देती। फिल्म में दिखाए गए दृश्य मनुष्यों की मानवता पर सवाल उठाते हैं। फिल्म में पर्याप्त ड्रामा है, कई खुशी के छड़ हैं इन सभी को एक साथ समायोजित करके देखना बेहद मुश्किल है।

फिल्म में बड़े स‍ितारे नहीं हैं 
लिजो जोसे पैलिस्सरी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा स्टार के बजाय टैलेंट पर विश्वास रखते हैं। इसलिए जलीकट्टू फिल्में आपको कोई स्टार कास्ट नहीं दिखेगा। हालांकि, फिल्म में कुछ नए चेहरे जरूर देखने को मिलेंगे। फिल्म निर्माता हमेशा कैरेक्टर के अनुसार कास्ट चुनता है। फिल्म में एंटनी वर्गीज पेपे हैं जिन्होंने फिल्म के कुछ महत्वपूर्ण पात्रों में से एक का किरदार निभाया है उन्होंने इससे पहले सिर्फ दो फिल्में की हैं। वहीं चेंबन विनोद जोस ने भी एक बेहद महत्वपूर्ण किरदार निभाया है हालांकि वह एक अनुभवी अभिनेता है लेकिन उन्होंने कभी किसी बड़े बजट वाली फिल्म में काम नहीं किया है। फिल्म में और भी कलाकारों ने काम किया है जैसे, साबुमन, अब्दुस्समद और संथि बालाचंद्रन। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।