- कनिका कपूर कोरोना वायरस से पूरी तरह ठीक हो गई हैं।
- अब कनिका ने कोरोना रोगियों की मदद करने का फैसला किया है।
- कनिका ने अपना प्लाज्मा बाकी रोगियों के इलाज के लिए देने का फैसला किया।
वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हुईं बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर ने सोमवार को कोरोना रोगियों के इलाज के लिये अपना प्लाज्मा देने का फैसला किया। इसके लिये उन्होंने सोमवार शाम को किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अपना रक्त परीक्षण के लिये दिया। अगर उनके परीक्षण ठीक आये तो सोमवार या मंगलवार सुबह उनके खून से 500 मिली प्लाज्मा केजीएमयू के डॉक्टर निकालेंगे।
केजीएमयू की ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने सोमवार को बताया कि गायिका कनिका कपूर ने सोमवार को संस्थान के डॉक्टरों से अपना प्लाज्मा दान करने की इच्छा जताई। इसके बाद उन्हें बुलाकर उनके रक्त के नमूने परीक्षण के लिये लिये गये। रक्त परीक्षण में सब कुछ ठीक पाये जाने के बाद उन्हें सोमवार शाम या मंगलवार सुबह प्लाज्मा दान करने के लिये बुलाया जायेंगा।
उन्होंने बताया कि अभी तक केजीएमयू में कोरोना से ठीक हुये तीन मरीज अपना प्लाज्मा दान कर चुके है। इनमें एक रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान, एक कनाडा की महिला डॉक्टर तथा एक अन्य रोगी शामिल हैं। कनिका कपूर कोरोना से ठीक हुई चौथी रोगी होंगी जो अपना प्लाज्मा केजीएमयू को दान करेंगी।
रविवार शाम राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में किसी कोरोना को रोगी पहली बार प्लाज्मा थेरेपी दी गयी। यह रोगी उरई के एक 58 वर्षीय डॉक्टर हैं जिनको प्लाज्मा दान करने वाली भी कनाडा की एक महिला डॉक्टर है जो कि पहली कोरोना रोगी थी जो यहां केजीएमयू में भर्ती हुई थी।
केजीएमयू के डाक्टरों के मुताबिक रविवार देर शाम उरई के इन कोरोना रोगी डाक्टर को प्लाज्मा की 200 मिली डोज दी गयी है। इनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अगर आवश्यकता पड़ी तो इन्हें आज (सोमवार) या मंगलवार को दूसरी डोज दी जायेगी।
मशहूर गायिका कनिका कपूर 10 मार्च को लंदन से मुंबई आयी थी और 11 मार्च को अपने परिजनों से मिलने लखनऊ आयी थी। 14 और 15 मार्च को लखनऊ में आयोजित कुछ पार्टियों में कनिका ने शिरकत की थी। इनमें उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
कनिका कपूर ने कहा था कि 17 और 18 मार्च को कुछ लक्षणों का एहसास हुआ तो उन्होंने अपनी जांच का अनुरोध किया। वह 19 मार्च को कोरोना संक्रमित पाई गईं और 20 मार्च को जब उन्हें इस बारे में पता चला, तो उन्होंने अस्पताल जाना बेहतर समझा। कनिका को लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में भर्ती किया गया था और तीन नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद गत 6 अप्रैल को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।