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वकील सी शंकरन नायर के कारण दुनिया को पता चली थी जलियांवाला बाग नरसंहार की कहानी, करण जौहर बनाएंगे फिल्म

Updated Jun 29, 2021 | 14:36 IST

Karan Johar Upcoming Film: करण जौहर ने अपनी अगली फिल्म की घोषणा कर दी है। ये फिल्म वकील सी शंकरन नायर के जीवन पर आधारित है। जानिए कौन थे सी शंकरन नायर...

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C Shankaran Nair, Karan Johar
मुख्य बातें
  • करण जौहर ने अपनी अगली फिल्म की घोषणा कर दी है।
  • करण जौहर वकील और स्वतंत्रता सेनानी सी शंकरन नायर पर फिल्म बनाएंगे।
  • सी शंकरन नायर के कारण ही जलियांवाला बाग नरसंहार की लिए अंग्रेजों ने हंटर कमिशन बनाया।

मुंबई. करण जौहर जल्द ही देश के सबसे खूंखार नरसंहार जलियांवाला बाग हत्याकांड पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। फिल्म की कहानी वकील सी शंकरन नायर  के जीवन  पर आधारित है, जिन्होंने अदालात में जलियांवाला नरसंहार की सच्चाई को उजागर किया था। करण ने सोशल मीडिया पर नई फिल्म की घोषणा की है। 

करण जौहर की ये  फिल्म सी शंकरन नायर के पड़पोते रघु पलट और उनकी वाइफ पुष्पा पलट द्वारा लिखित किताब 'The case that shook the Empire' पर आधारित होगी। करण जौहर ने लिखा- फिल्म में कोर्ट केस दिखाया जाएगा को शंकरन नायर ने जलियांवाला बाग नरसंघार का सच सामने लाने के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ा था।  इस फिल्म को करण सिंह त्यागी डायरेक्ट कर रहे हैं। फिल्म की कास्ट की घोषणा जल्द होगी।

कांग्रेस अध्यक्ष रहे शंकरन
सी शंकरन नायर का जन्म 11 जुलाई 1857 को केरला के चेत्तूर में हुआ था। उन्होंने 1877 में प्रेसिडेंसी कॉलेज मद्रास से शिक्षा ली थी। इसके बाद मद्रास लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी। 1880 में वह मद्रास हाईकोर्ट के वकील बन गए थे। साल 1897 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इसी साल वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए। साल 1919 में जब जलियांवाला नरसंहार  हुआ तब वह वायसरॉय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर थे।

इस्तीफे से मच गया था हड़कंप
सी शंकरन नायर को प्रेस पर लगे प्रतिबंध के कारण इस नरसंहार के बारे में पता नहीं था, जब उन्हें पता चला तो तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आठ जून को कांग्रेस ने उन्हें लंदन जाकर भारत की तरफ से लॉबी करने की रिक्वेस्ट की।  

नायर ने 23 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के तीन  दिन के अंदर में  पंजाब से प्रेस सेंसरशिप हट गई। वहीं, चार दिन बाद मार्शल लॉ भी हट गया। इसके बाद अक्टूबर 1919 में अंग्रेज सरकार ने नरसंहार की जांच के लिए लॉर्ड विलियम हंटर की अगुवाई में हंटर कमिशन नियुक्त किया।

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