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Kishore Kumar Death Anniversary: इमरजेंसी के समय इंदिरा सरकार ने बैन कर दिए थे Kishore Kumar के गाने, घर के बाहर लिखा था ‘किशोर कुमार से सावधान’

Updated Oct 13, 2021 | 14:47 IST

बॉलीवुड में सैकड़ों बेहतरीन गाने गाकर हर दिल पर राज करने वाले किशोर कुमार का 13 अक्टूबर 1987 को निधन हुआ था और आज उनकी पुण्यतिथि है। आइये आपको बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अतरंगी किस्‍से- 

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Kishore Kumar
मुख्य बातें
  • हर दिल पर राज करने वाले किशोर कुमार का 13 अक्टूबर 1987 को निधन हुआ था
  • बॉलीवुड के सिंगिंग लिजेंड किशोर कुमार को आज उनकी पुण्‍यतिथ‍ि पर याद किया जा रहा है
  • उनकी पुण्‍यतिथि‍ पर आपको बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अतरंगी किस्‍से

Kishore Kumar Death Anniversary: बॉलीवुड के सिंगिंग लिजेंड, नायकों को महानायक बनाने वाले किशोर कुमार अपने जमाने के बाकी गायकों से बिल्कुल अलग थे। उनका हर अंदाज जुदा था। उनकी खनकती आवाज में ही संगीत था। किशोर कुमार की आवाज में जितनी विविधता थी, उतनी शायद ही किसी गायक में थी। उनके गीतों ने उन्हें ही नहीं बल्कि कई फिल्मी हीरो को सुपरस्टार बना दिया। अपनी आवाज के साथ साथ अनोखे और बेबाक अंदाज के लिए किशोर कुमार फेमस थे। उनकी जिंदगी के कई ऐसे किस्‍से हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। बॉलीवुड में सैकड़ों बेहतरीन गाने गाकर हर दिल पर राज करने वाले किशोर कुमार का 13 अक्टूबर 1987 को निधन हुआ था और आज उनकी पुण्यतिथि है। आइये आपको बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अतरंगी किस्‍से- 

सरकार ने देश में बैन कर दिए थे गाने 
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी। इस दौरान सरकार ने किशोर कुमार को उनके लिए गाने के लिए कहा। सरकार चाहती थी कि किशोर कुमार इमरजेंसी के 20 सूत्रीय प्रोग्राम को अपनी आवाज दें। इंदिरा गांधी की रणनीतियों को संभालने वाले विद्या चरण शुक्ला ने किशोर कुमार को फोन कर यह बात कही, किशोर कुमार को बताया गया कि ये सूचना और प्रसारण मंत्री (तत्कालीन) वीसी शुक्ला का आदेश है। इतना सुनकर भी किशोर कुमार सरकार के लिए गाने को तैयार नहीं हुए।  इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। ऑल इंड‍िया रेड‍ियो पर किशोर कुमार के गानों को बैन कर दिया। 

कभी नहीं ली संगीत की ट्रेनिंग
किशोर कुमार ने अपने करियर में सभी भाषाओं को मिलाकर 1500 से ज्यादा गाने गाए थे। किशोर कुमार उन सिंगर्स में से एक हैं जिन्होंने कभी संगीत की ट्रेनिंग नहीं ली थी। उन्होंने साल 1946 में फिल्म शिकारी से डेब्यू किया था। आभास गांगुली यान‍ि किशोर कुमार को म्यूजिक डायरेक्टर एस.डी बर्मन ने ब्रेक दिया था। बीबीसी से बातचीत में किशोर कुमार ने बताया कि वह अपने भाई अशोक कुमार के जरिए एस.डी.बर्मन से मिले थे। अशोक कुमार ने कहा था कि उनका भाई भी थोड़ा-थोड़ा गा लेता है। मैंने एसडी बर्मन को उनका ही गाया एक बंगाली गाना सुनाया था। मेरा गाना सुनकर सचिन दा बोले कि तुम मुझे कॉपी कर रहा है। मैं इसे निश्चय ही गाने का मौका दूंगा। 

मधुबाला के लिए कबूल किया था इस्लाम
किशोर कुमार ने चार शादियां की थी। उनकी पहली पत्नी रूमा गुहा थीं। इसके बाद उन्होंने मधुबाला से दूसरी शादी की थी। मधुबाला से शादी के लिए किशोर कुमार ने इस्लाम कुबूल कर लिया था। उन्होंने अपना नाम बदलकर अब्दुल करीम कर लिया था। मधुबाला के निधन के बाद किशोर कुमार योगिता बाली से शादी की थी। किशोर कुमार की आखिरी पत्नी लीना चंदावरकर थीं।

शब्दों को उल्टा पढ़ते थे
कहते हैं कि बॉलीवुड में किशोर कुमार को लोग बड़ा ही अतरंगी कहते थे। बहुत लोगों से उनकी जमती नहीं थी। किशोर कुमार अपनी अजीब हरकतों के लिए भी याद किए जाते हैं। उन्होंने अपने घर के बाहर ‘किशोर कुमार से सावधान’ बोर्ड लगा था। उनकी खनकती आवाज के आलावा भी उनमें कई हुनर थे। अक्सर किशोर दा शब्दों को उल्टा पढ़ना शुरू कर देते थे। कई बार वो लोगों को अपना नाम भी उल्टा पढ़कर बताते थे।

सोने से पहले सिक्के गिनना  
किशोर कुमार के बारे में एक और दिलचस्प किस्सा ये है कि वो रात में सोने से पहले हमेशा सिक्के गिना करते थे। कहते हैं कि किशोर कुमार को पैसे से बड़ी मोहब्बत थी। वो अपना एक भी पैसा किसी पर छोड़ते नहीं थे। क बार एक पत्रकार ने उनसे बॉलीवुड की पार्टी में न जाने पर सवाल किया, तो  उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी में जाना अच्छा नहीं लगता। इसके बदले वो घर पर रहना चाहते हैं। घर पर अपने द्वारा लगाए पेड़-पौधों से वो बातें करते थे।

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