- 70 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस साधना का जन्मदिन आज
- 2 सितंबर 1941 को कराचीं में हुई था साधना का जन्म
- फिल्म लव इन शिमला से सुपरस्टार बनी थीं साधना
Happy Birthday Sadhana Shivdasani: बॉलीवुड की मिस्ट्री गर्ल साधना की आज (2 सितंबर) 79वीं जयंती है। साल 1941 में पकिस्तान के कराची में के सिंधी परिवार में जन्म लेने वालीं साधना को शुरू से ही फिल्मी माहौल मिला था। उनके घर में फिल्मों को लेकर दीवानगी थी। 'मेरा साया', 'आरजू', 'एक फूल दो माली', 'लव इन शिमला', 'वक्त' और 'वो कौन थी' जैसी हिट फिल्म देने वाली साधना को बचपन से ही एक्टिंग कौ शौक था। साधना को आज भी उनके हेयर स्टाइल के लिए याद किया जाता है। साल 1960 में आई फिल्म लव इन शिमला के बाद उनका हेयरकट साधना कट एक स्टाइल स्टेटमेंट बन गया था। साधना के जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें-
साधना का नाम उनके पिता ने एक्ट्रेस और डांसर साधना बोस के नाम पर रखा था। साधना जब बड़ी हो रही थी, तो उसी दौरान हिंदुस्तान का बटवारा हो रहा था। उन्हें एक्ट्रेस बनना था ऐसे में वो कराची के बाद मुंबई में आ गईं। बेटी के शौक को पूरा करने के लिए उनके पिता ने काफी कोशिश की, जिसके बाद साधना को फिल्म 420 में एक गाने (इचक दाना इचक दाना) में आने का मौका मिला। इस गाने में उनका रोल काफी छोटा था, जिसमें लोगों की नजर साधना पर गई ही नहीं।
साधना सिर्फ 15 साल की थी जब वो कॉलेज के ड्रामा में हिस्सा लेने लगीं थी। उनकी प्रतिभा ज्यादा दिन तक लोगों की नजर से छुप नहीं सकी। इसी बीच एक प्रोड्यूसर की नजर साधना पर पड़ी और उन्होंने एक रुपये का टोकन मनी देकर साधना को अपनी सिंधी फिल्म अबाना के लिए साइन कर लिया। यहां भी किस्मत ने उनके साथ एक अलग ही खेल खेला। फिल्म के प्रमोशन के दौरान उनकी एक तस्वीर मैगजीन में छपी हुई थी। तब उस जमाने के मशहूर प्रोड्यूसर शशिधर मुखर्जी की नजर उनकी तस्वीर पर गईं।
साधना पहली बार राज कपूर की फिल्म श्री 420 में बतौर एक कोरस सिंगर नजर आई थी। फिल्म के सेट पर राज कपूर से उनकी छोटी सी बात पर अनबन हो गई थी। इसके बाद से ही साधना राज कपूर से नफरत करती थीं। कहा जाता है कि सेट पर वो अपने हेयरस्टाइल पर खास ध्यान देती थी, जो कि राजपूर को बिल्कुल पसंद नहीं था। ऐसे में राज कपूर ने सेट पर उनसे गुस्से में कहा कि एक्टिंग छोड़कर उन्हें शादी कर लेनी चाहिए। जिसपर साधना काफी गुस्सा हुईं थी, और सेट छोड़कर वहां से चली गईं थी।
साधना को साल 1958 में उनकी पहली फिल्म (सिंधी) ‘अबाना’ के लिए साइन कर लिया गया। हालांकि उन्हें पहचान प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी की फिल्म 'लव इन शिमला' से मिली थी। ये फिल्म करने के बाद साधना रातों रात स्टार बन गई थीं। फैंस उनके हेयरस्टाइल से लेकर उनके कपड़ों को भी कॉपी करने लगे थे। इस फिल्म को आरके नय्यर ने डायरेक्ट किया था। ये फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई थी। इस फिल्म के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद उन्हें एक के बाद एक कई शानदार फिल्में दी।
साधना ने 'लव इन शिमला' के डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से शादी कर ली। शादी के वक्त साधना 16 साल और नय्यर 22 साल के थे। 1995 में साधना के पति नय्यर का निधन हो गया. दोनों की कोई भी संतान नहीं थी। पति के जाने के बाद वह बिलकुल अकेली हो गईं और गुमनामी में चली गईं। साधना ने साल 2015 में दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनकी दोस्त तबस्सुम ने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में से कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया था।