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मानुषी छिल्लर ने ऐसे मनाया रक्षाबंधन, भाई और बहन संग इस अंदाज में आईं नजर

Updated Aug 03, 2020 | 14:36 IST

देशभर में रक्षा बंधन पर्व की धूम है। व‍िश्‍व सुंदरी मानुषी छ‍िल्‍लर ने भी अपने भाई और बहन के साथ राखी का पर्व मनाया। तस्‍वीरों में मानुषी चश्‍मा लगाए नजर आ रही हैं।

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Manushi Chhillar

देशभर में रक्षा बंधन पर्व की धूम है। व‍िश्‍व सुंदरी मानुषी छ‍िल्‍लर ने भी अपने भाई और बहन के साथ राखी का पर्व मनाया। तस्‍वीरों में मानुषी चश्‍मा लगाए नजर आ रही हैं। छिल्लर परिवार में रक्षाबंधन बच्चों को जीवन के कुछ महत्वपूर्ण मूल्य सिखाने का एक अत्यंत सार्थक अवसर होता है। अलौकिक सुंदरी मानुषी छिल्लर बताती हैं कि उनके डॉक्टर माता-पिता नीलम और मित्र बासु की वजह से उनके लिए इस रस्म का अर्थ हमेशा लैंगिक समानता और बराबरी रहा है।
 
प्रचलित है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाइयों में राखी नामक एक पवित्र धागा बांधती हैं। राखी बांधने की यह रस्म इस तथ्य का प्रतीक है कि भाई जीवन भर अपनी बहनों की रक्षा करेंगे और उनकी देखभाल करेंगे, जो समाज में पितृसत्ता की गहरी भावना का सूचक है। हालांकि मानुषी के माता-पिता ने तीनों भाई बहनों- देवांगना, दलमित्र और मानुषी को यही सिखाया है कि एक-दूसरे की रक्षा करना और एक-दूसरे के साथ खड़े रहना सबसे अहम बात है। तीनों को सिखाया गया है कि भाई को भी बहनों की उसी तरह जरूरत होगी जिस तरह बहनों को अपने भाई की जरूरत है।
 
मानुषी बताती हैं, “परिवार में मेरे माता-पिता ने हमारे हर काम और हर गतिविधि के लिए हमेशा समानता और बराबरी की भावना मन में भरी है। इसलिए जब हम रक्षाबंधन मनाते हैं तो हमारे लिए यह बड़ा ही समावेशी अवसर होता है। देवांगना, दलमित्र और मैंने इस पर्व को हमेशा अपने बीच के लगाव और आत्मीयता को सेलीब्रेट करने वाले दिन की तरह मनाया है। इस अवसर पर हम वादा करते हैं कि एक-दूसरे के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। हम बेस्ट फ्रेंड हैं!”


 
मानुषी यशराज फिल्म्स की बिग टिकट हिस्टॉरिकल फिल्म ‘पृथ्वीराज’ में डेब्यू करने जा रही हैं, जिसके हीरो अक्षय कुमार हैं। वह बताती हैं कि उनका भाई दलमित्र अपने माता-पिता की वजह से अपने सोच-विचार में बहुत प्रोग्रेसिव है। उनका कहना है- “सबसे छोटा होने के चलते मेरा भाई खुद इस फैक्ट पर जोर देता है कि उसे अपनी बहनों की उतनी ही जरूरत है जितनी कि हमें उसकी जरूरत है। हम इसी तरह का आपसी लगाव महसूस करते हैं।”


 
प्रियंका चोपड़ा की जीत के 17 साल बाद 2017 में मिस वर्ल्ड का ताज लौटाने वाली इस गॉर्जस लड़की ने भारत को गौरवान्वित किया है। वह आगे कहती है, “यह इथॉस हमें अपने माता-पिता से मिला है क्योंकि हमने उन्हें हर चीज में बराबरी का बर्ताव करते देखा है। अपने सिद्धांतों, नैतिकताओं, अपनी फिलॉसफी और जिस तरह से उन्होंने अपने रिश्ते को बरकरार रखते हुए उसे आगे बढ़ाया है, इस सबके कारण वे हमारे रोल मॉडल रहे हैं। हमें स्वतंत्र और समावेशी बनाने तथा सही जीवन मूल्यों वाली आरंभिक शिक्षा देने के लिए उनका धन्यवाद करने को मेरे पास शब्द ही नहीं हैं।“

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