- द कश्मीर फाइल्स' 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की कहानी है
- इसने रिलीज के केवल 13 दिन में ही 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है
- अब मध्य प्रदेश सरकार कश्मीरी पंडित 'नरसंहार' संग्रहालय बनाने जा रही है
Shivraj singh chouhan Announces 'Genocide Museum' : 11 मार्च 2022 को रिलीज हुई विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 90 के दशक में कश्मीर में हुए कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं के नरसंहार की कहानी पर आधारित है। इस फिल्म में विवेक अग्निहोत्री ने बखूबी यह दिखाया है कि कैसे मजबूत और ताकतवर प्रशासन और सरकार होने के बावजूद भी कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं को अपने शहर कश्मीर से पलायन होना पड़ा। अब मध्य प्रदेश सरकार कश्मीरी पंडित 'नरसंहार' संग्रहालय बनाने जा रही है जहां लोगों को पता चलेगा कि कैसे कश्मीरी पंडितों ने आतंकी हमले का सामना किया, और तमाम कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने कभी भी प्रतिशोध में हथियार नहीं उठाए।
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' शुरुआत से ही ये चर्चा में बनी हुई है। इसके साथ ही फिल्म कमाई के मामले में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और अब तक कई रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। फिल्म कोरोना काल में 200 करोड़ रुपये कमाने वाली पहली हिंदी फिल्म बन गई है। इसने रिलीज के केवल 13 दिन में ही 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली। विवेक अग्निहोत्री और फिल्म की पूरी टीम प्रमोशन में लगी है। इसी क्रम में 'द कश्मीर फाइल्स' के निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने अपनी टीम के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की।
ये भी पढ़ें: कोरोना काल में सर्वाधिक कमाई करने वाली हिंदी फिल्म बनी 'द कश्मीर फाइल्स'
विवेक अग्निहोत्री आज शाम से शुरू हो रहे तीन दिवसीय चित्र भारती फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को भोपाल पहुंचे। यहां पत्रकारों से बात करते हुए, अग्निहोत्री ने कहा कि वह भोपाल में एक नरसंहार संग्रहालय स्थापित करना चाहते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से भोपाल में संग्रहालय स्थापित करने का आग्रह किया ताकि दुनिया वास्तविकता को जाने और उससे सीख ले। उन्होंने कहा कि एमपी एक शांतिपूर्ण राज्य है और मुझे भोपाल से होने पर गर्व है। मेरी पत्नी भी इंदौर से हैं।
बाद में सीएम चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार भोपाल में संग्रहालय स्थापित करने के लिए भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान करेगी। चौहान ने कहा कि मैं 2008 में कश्मीरी पंडितों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक बार कश्मीर गया था। मैंने उनका दर्द महसूस किया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भोपाल में नरसंहार संग्रहालय स्थापित करने के लिए मप्र सरकार पूरा सहयोग देगी।