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नहीं रहीं बॉलीवुड की मशहूर गीतकार, कवि और गायिका माया गोविंद, 82 की उम्र में हार्ट अटैक से हुआ निधन

Updated Apr 07, 2022 | 19:58 IST

Maya Govind Death News: जानी-मानी गायिका, कवि और गीतकार माया गोविंद का निधन हो गया है। खबरों के अनुसार 82 की उम्र में हार्ट अटैक के कारण माया गोविंद का निधन हुआ है। 

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Maya Govind
मुख्य बातें
  • नहीं रहीं मशहूर गायिका, कवि और गीतकार माया गोविंद।
  • 82 की उम्र में हुआ माया गोविंद का निधन।
  • खबरों के अनुसार हार्ट अटैक से हुआ माया गोविंद का निधन।

Maya Govind Dies At The Age Of 82: बॉलीवुड फिल्मों के लिए कई यादगार गीत लिखने वाली विख्यात हिंदी कवि, गीतकार और गायिका माया आर. गोविंद का गुरुवार सुबह उनके जुहू स्थित निवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 82 वर्ष की थीं। गोविंद मस्तिष्क और गुर्दे से संबंधित बीमारी से काफी समय से जूझ रही थीं। वह सुबह 9.30 बजे चल बसीं। उनका अंतिम संस्कार दोपहर विले पार्ले श्मशान घाट पर किया गया। गिनी-चुनी महिला गीतकारों में शामिल माया गोविंद ने लगभग 350 से अधिक फिल्मों के लिए गीत लिखे, जिनमें रोमांटिक से लेकर ऑफ-बीट, सॉफ्ट से लेकर सेन्सुअस गाने शामिल हैं। उन्होंने प्रमुख संगीत निर्देशकों और फिल्म निमार्ताओं के साथ काम किया और टेली-सीरियल्स के लिए शीर्षक गीत भी लिखे। इसके अलावा उन्होंने कई किताबें भी लिखीं थीं।

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ई टाइम्स से बात करते हुए उनके बेटे अजय ने यह साझा किया कि उन्हें यूरिन इन्फेक्शन भी हो गया था जिसकी वजह से उनकी हालत और खराब हो गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि 'उनकी हालत धीरे-धीरे ब्रेन क्लोट की वजह से खराब हो रही थी। लेकिन कभी-कभी ऐसा लग रहा था कि उनकी हालत में सुधार आ जाएगा लेकिन तभी वह और बुरी हो जाती थी। तकरीबन एक और आधे महीने पहले हम उन्हें हॉस्पिटल से घर ले आए थे, ताकि हम उनका बेहतर तरीके से ध्यान रख सकें लेकिन आज सुबह हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया। कवि, लेखक और गीतकार राम गोविंद की पत्नी रहीं माया गोविंद लखनऊ में पैदा हुईं थीं। बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने के लिए 1970 के दशक में मुंबई जाने से पहले वह एक शिक्षक के रूप में और ऑल इंडिया रेडियो के साथ काम कर चुकी थीं।1970 से 2000 तक उन्होंने विभिन्न फिल्मों के लिए कई यादगार गीत लिखे और फिल्म उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाई। 

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उनके कुछ हिट गानों में 'गुटुर गुटूर' और 'ना उन्नीस से कम हो' (दलाल), 'दरवाजा खुला छोड़ आई' (नाजायज), 'आंखों में बस हो तुम' (टक्कर), 'लौंडा बदनाम हुआ' (रॉक डांसर), 'सुन सुन गोरिया' (दामन), 'गले में लाल टाई' (हम तुम्हारे हैं सनम) शामिल हैं। एक मंच कलाकार के रूप में, उनके विजय तेंदुलकर के नाटक, 'खामोश! अदालत जारी है!' में शानदार अभिनय के लिए माया गोविंद को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया गया था। 

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