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नीता अंबानी-मुकेश अंबानी के बच्चों को मिलती थी 5रु. पॉकेट मनी, छोटे बेटे ने फिर एक दिन किया था मां से सवाल

Updated Mar 01, 2020 | 12:03 IST

Nita Ambani Kids Pocket Money: नीता अंबानी का एक पुराना इंटरव्यू खूब वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने बताया था कि वो अपने तीनों बच्चों आकाश अंबानी, ईशा अंबानी और अनंत अंबानी को कितने रुपए पॉकेट मनी देती थीं।  

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
नीता अंबानी, मुकेश अंबानी और अनंत अंबानी।
मुख्य बातें
  • नीता अंबानी का एक पुराना इंटरव्यू खूब वायरल हो रहा है।
  • नीता अंबानी ने इसमें अपने तीनों बच्चों की पॉकेट मनी को लेकर बात की है।
  • नीता ने बताया है कि बचपन में वो आकाश, ईशा और अनंत को कितने रुपए पॉकेट मनी देती थीं।

नीता अंबानी और मुकेश अंबानी एक परफेक्ट कपल गोल सेट करते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही लाइफ को नीता अंबानी और मुकेश अंबानी बखूबी मैनेज करते हैं। नीता अंबानी का एक पुराना इंटरव्यू खूब वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने बताया था कि बचपन में वो अपने तीनों बच्चों आकाश अंबानी, ईशा अंबानी और अनंत अंबानी को कितने रुपए पॉकेट मनी देती थीं।  
आईडीवा को दिए इंटरव्यू में नीता अंबानी ने बताया था, 'जब मेरे बच्चे थोड़े बड़े थे मैं उन्हें हर शुक्रवार 5 रुपए स्कूल कैंटीन में खर्च करने को देती थी। एक दिन मेरा सबसे छोटा बच्चा अनंत मेरे पास बैडरूम में आया। अनंत 10 रुपए की डिमांड करने लगा। जब मैंने उससे इस डिमांड पर सवाल किया तो वो कहने लगा कि स्कूल में दोस्त उसे चिढ़ाते हैं। जब भी वो 5 रुपए का सिक्का निकालता है दोस्त कहते हैं कि- अंबानी है या भिखारी...। मुकेश और मैं कुछ कर तो नहीं सके लेकिन खूब हंसे थे।' 


नीता अंबानी ने इसी इंटरव्यू में बताया था, 'धन और शक्ति साथ-साथ नहीं चलते हैं। पॉवर को मैनेज नहीं किया जा सकता है। मेरे लिए, पॉवर एक जिम्मेदारी है और मैं इसे अपने परिवार, अपने काम, अपने जुनून और अपने मिडिल क्लास मूल्यों के साथ लेकर चलती हूं।'

नीता अंबानी और मुकेश अंबानी अपने बच्चों से बेहद करीबी रिश्ता शेयर करते हैं। जब ईशा अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी बड़े हो रहे थे तब वो नीता ही थीं जो मुकेश अंबानी को बच्चों की लाइफ में दखल देने के लिए कहती थीं। नीता अंबानी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने उन्हें(मुकेश अंबानी) कहा था कि शायद आप देश में और रिलायंस के फ्यूचर में बिजी हैं। लेकिन आपको अपने बच्चों के भविष्य में भी प्रभाव डालना चाहिए। मेरा मानना है कि यह केवल गुणवत्ता नहीं है, बल्कि बच्चों के साथ बिताए समय की मात्रा भी है जो उन्हें आवाज देती है।'

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