- पानीपत फिल्म का जाट नेता विरोध कर रहे हैं।
- भरतपुर राजस्थान में फिल्म का विरोध करते हुए पुतला फूंका गया।
- पानीपत में राजा सूरजमल के किरदार पर जाट नेताओं को आपत्ति है।
मुंबई. आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत एक बार फिर विवादों में आ गई है। भरतपुर राजस्थान के जाट नेताओं ने फिल्म का विरोध करते हुए डायरेक्टर का पुतला फूंका। जाट नेताओं के मुताबिक फिल्म में भरतपुर राजस्थान के राजा सूरजमल को गलत ढंग से दिखाया है।
जाट नेताओं का कहना है कि राजा सूरजमल के किरदार को धूर्त दिखाया गया है। फिल्म में ये दिखाय है कि राजा सूरजमल ने पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठाओं का साथ नहीं दिया था। जाट नेता नेम सिंह के मुताबिक- राजा सूरजमल ने सदाशिव भाऊ के सामने तीन शर्त रखी थी।
नेम सिंह कहते हैं- पहली शर्त थी कि महिलाओं को युद्ध में नहीं ले जाया जाएगा। दूसरी शर्त थी कि छापामारी तरीके से युद्ध लड़ा जाएगा और तीसरी शर्त थी कि रणनीति हम बनाएंगे। वहीं, डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने तथ्यों और राजा सूरजमल के चरित्र के साथ खिलवाड़ किया है।
सरकार से बैन लगाने की मांग
जाट नेताओं ने सरकार से मांग की है कि इस फिल्म पर तुरंत बैन लगाया जाए। इसके अलावा फिल्म में जिन तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है उन्हें हटाया जाए। नेम सिंह ने कहा- अगर ऐसा नहीं हुआ तो राजस्थान, यूपी और हरियाणा समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा आंदोलन होगा।
आपको बता दें कि पानीपत पर अफगानिस्तान ने भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखा था। अफगानिस्तान दूतवास को लगता है कि आशुतोष गोवारिरकर की फिल्म 'पानीपत' अहमद शाह अब्दाली के चरित्र को खराब कर सकती है। इसका असर दोनों देश के रिश्तों में पड़ सकता है।
क्या दिखाया है फिल्म में
पानीपत फिल्म में दिखाया गया है कि अहमद शाह अब्दाली से युद्ध में सदाशिव भाऊ के नेतृत्व में मराठा कई राज्यों से मदद मांगते हैं। भरतपुर के राजा सूरजमल तैयार हो जाते हैं, लेकिन शर्त रखते हैं कि उन्हें आगरा का किला दे दिया जाए।
सदाशिव भाऊ राजा सूरजमल की इस शर्त को नहीं मानते हैं तो वह अपनी सेना लेकर वापस लौट जाते हैं। गौरतलब है कि फिल्म को पहले दिन काफी धीमा रिस्पॉन्स मिला है। पानीपत ने ओपनिंग डे महज 4.12 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया।