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बेटी के फिल्मों में काम करने की बात को छिपाने चाहते थे घरवाले, निर्मला नागपाल से बन गईं सरोज खान

प्रदीप कुमार तिवारी | सीनियर रिपोर्टर
Updated Jul 04, 2020 | 20:41 IST

Saroj Khan Facts: दो हजार से ज्यादा गानों की कोरियाग्राफी करने वालीं सरोज खान ने शुक्रवार को आखिरी सांस ली है। सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। जानिए उनकी लाइफ से जुड़ी बातें...

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Saroj Khan
मुख्य बातें
  • सरोज खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
  • सरोज खान को असली नाम निर्मला नागपाल था।
  • भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद सरोज खान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गई थीं।

मुंबई. बॉलीवुड का एक और चमकता सितारा हमें छोड़ कर जा चुका है। बॉलीवुड फिल्म ​इंडस्ट्री के लिए ये साल साल बेदह ही बुरा रहा है। एक के बाद एक स्टार्स के निधन से सभी सदमे में हैं। वहीं अब दिग्गज कोरियॉग्रफर सरोज खान के निधन की खबर ने स्टार्स और उनके फैंस को गहरा सदमा दिया है।

बॉलीवुड की मशहूर कोरियाग्राफर सरोज खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने दो हजार से ज्यादा गानों की कोरियाग्राफी की थी। एक-दो-तान, धक-धक करने लगा, डोला रे डोला, हवा हवाई और ये इश्क हाय जैसे गानों के लिए उनको हमेशा याद रखा जाएगा। 

सरोज खान को उनकी शानदार कोरियोग्रफी के लिए नेशनल एवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है। उनके निधन के बाद बॉलीवुड के बड़ा सितारे शोक जता रहे हैं। कई स्टार्स सोशल मीडिया पर उनको श्रद्धांजली दे रहे हैं तो कई उनके साथ बिताए अपने लम्हों को याद कर रहे हैं।

निर्मला नागपाल था असली नाम
मुंबई में 22 नवंबर. 1948 में जन्मी सरोज खान को असली नाम निर्मला नागपाल था। लेकिन कम लोग ही उनके असली नाम के बारे में जानते हैं।  पूरी फिल्म इंडस्ट्री को अपने इशारों पर नचाने वाली सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। 

सरोज खान ने एक इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए बताया था कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद सरोज खान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गई थीं। उनके पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सिद्धू सिंह है। 

तीन साल की उम्र में मिला पहला ब्रेक
सरोज खान ने बताया था कि मेरा परिवार ये नहीं चाहता था कि किसी ओर पता चले कि उनकी घर की बेटी फिल्मों में काम करती है। इसी कारण मेरा नाम बदलकर सरोज खान कर दिया गया।सरोज खान ने तीन साल की उम्र में ही बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था।  

सरोज की पहली फिल्म 'नजराना' थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था। 50 के दशक में सरोज खान ने बैकग्राउंड डांसर के तौर पर काम करना शुरू किया। उन्होंने कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली।

13 साल की उम्र में की शादी
कोरियोग्राफर सरोज ने डांस की ट्रेनिंग बी सोहनलाल से ली थी। इसी दौरान वह और सोहनलाल एक दूसरे के करीब आए। इसके बाद सरोज ने 43 साल के सोहनलाल से शादी कर ली। उस वक्त सरोज खान की उम्र महज 13 साल थी। जिस वक्त सरोज ने सोहन लाल पहले से शादी की थी वह पहले से ही शादीशुदा थे। 

दोनों की उम्र में बहुत ज्यादा फासला था। एक बार सरोज खान ने अपनी शादी को लेकर बात करते हुए एक इंटरव्यू में बताया था- 'मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी। तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरी शादी हो गई थी। वहीं मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कुबूल किया था।'

पहले से शादीशुदा थे बी सोहनलाल 
सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ​शादी के वक्त उन्हें ये बात पता नहीं थी कि बी.सोहनलाल पहले से ही शादीशुदा थे। इस बारे में उन्हें साल 1963 तब पता चली जब उन्होंने बेटे राजू खान को जन्म दिया था।

सरोज खान ने बताया था कि उनके पति सोहनलाल ने उनके बच्चों को अपना नाम देने से मना कर दिया था इसी वजह से उनके बीच दूरिया आ गई थीं।
 

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