- कश्मीरी पंडितों की त्रासदी पर बनी फिल्म शिकारा 7 फरवरी को रिलीज हो गई है।
- कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम की कई कहानी इतिहास के पन्नों में दफ्न है।
- भूषण लाल रैना की कहानी आज भी दिल दहला देती है।
मुंबई. कश्मीरी पंडितों की त्रासदी पर बनी फिल्म शिकारा सात फरवरी को रिलीज हो गई है। साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम की कई कहानी इतिहास के पन्नों में दफ्न है। इनमें से कई कहानियां दिल दहला देती है। ऐसी ही कहानी है बडगाम के रहने वाले भूषण लाल रैना की।
कश्मीरी पंडित नेटवर्क वेबसाइट के मुताबिक 29 साल के भूषण लाल बडगाम के शेर-ए-कश्मीर मेडिकल कॉलेज में काम करते थे। पंडितों के कत्लेआम के बाद उन्होंने 29 अप्रैल 1990 को घाटी छोड़ने का फैसला कर लिया था। एक दिन पहले यानी 28 अप्रैल को वह अपना सामान बांध रहे थे। इस दौरान आतंकवादी उनके घर में घुस गए।
भूषण लाल रैना की जल्द ही शादी होने वाली थी।आतंकियों के सामने भूषण लाल रैना की मां गिड़गिड़ाई कि उनके बेटे की शादी होने वाली है, ऐसे में उन्हें छोड़ दें। अगर वह मारना ही चाहते हैं तो बेटे की जगह उन्हें मार दें।
रॉड से चीर दिया सिर
रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने रॉड से भूषण लाल रैना का सिर चीर दिया। इसके बाद उन्हें घसीटकर बाहर लाया गया और कपड़े उतारकर पेड़ से उल्टा लटका दिया। भूषण रैना गिड़गिड़ा रहे थे कि उन्हें गोली मार दी जाए।
आपको बता दें कि शिकारा फिल्म के रिलीज के बाद विवादों में फंस गई है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें थिएटर से एक कश्मीरी पंडित महिला विधु विनोद चोपड़ा पर चिल्ला रही हैं। वह कह रही हैं कि आपने हमारा नरसंहार नहीं दिखाया है।
पहले दिन कमाए इतने करोड़
शिकारा ने पहले दिन सधी हुई शुरुआत की है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक फिल्म ने पहले दिन 1.20 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है। फिल्म ज्यादातर मल्टीप्लेक्स पर ही रिलीज हुई है। फिल्म ने दोपहर बाद रफ्तार पकड़ी है।
तरण आदर्श के मुताबिक यदि फिल्म को अच्छी कमाई करनी है तो उसे दूसरे दिन दोगुना कलेक्शन करना होगा। वहीं, इसके बाद ये कमाई को तीसरे दिन भी जारी रखना होगा। बॉक्स ऑफिस में शिकारा मलंग के साथ रिलीज हुई है।