- फिल्म छिछोरे में कहा था- सबसे जरूरी होती है जिंदगी
- टीवी के एक विज्ञापन में कहा था- भावों को बाहर आने दें
- पर्दे पर जिंदगी से लड़ने की देते रहे सीख
Sushant Singh Rajput life lesson: हिंदी सिनेमा के टॉप एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का निधन हो गया है। 34 साल के सुशांत ने बांद्रा स्थित अपने घर पर फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। बेहद खुशमिजाज और जिंदादिल एक्टर सुशांत के यूं चले जाने से दुनियाभर के उनके फैंस को धक्का लगा है। वहीं सिनेमा जगत हैरान है कि ऐसी क्या परिस्थितियां थीं कि सुशांत को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा। सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का क्रम जारी है लेकिन ना सितारों और ना फैंस को उन्हें विदा करने के लिए शब्द मिल रहे हैं।
काई पोचे, एमएस धोनी, पीके, केदारनाथ, छिछोरे जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने वाले सुशांत सिंह राजपूत कई बार अपने फैंस को सकारात्मक रहने की सीख दे चुके हैं। फ़िल्म छिछोरे सुशांत की बेहतरीन फिल्मों में एक थी। इस फिल्म में उनका एक डायलॉग था- अक्सर हम हार-जीत, सक्सेस और फेलियर के बीच इस तरह से फंस जाते हैं कि भूल जाते हैं कि जिंदगी में सबसे जरूरी होती है 'जिंदगी'। लगता है एन्टी सुसाइड थीम पर आधारित अपनी ही फ़िल्म का डायलॉग सुशांत भूल गए।
टीवी विज्ञापन में भी दी थी अहम सीख
तकरीबन डेढ़ साल पहले सुशांत सिंह राजपूत ने ट्वीट किया था जोकि एक विज्ञापन का हिस्सा था। सुशांत इस विज्ञापन ब्रैंड के एंबेसडर थे। इसी विज्ञापन की एक क्लिप साझा करते हुए सुशांत ने लिखा था- पुरुषों के दिल में भी भावनाएं होती हैं, इसलिए उन्हें भी रोने का हक है। रोते हुए उन्हें शरमाने की जरूरत नहीं है। भावों का बाहर आना जरूरी है, उन्हें अंदर नहीं रखना चाहिए। यह आपकी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है।