बॉलीवुड एक्टर इरफान खान को गुजरे हुए 8 महीने से अधिक हो गए हैं। दो साल तक कैंसर से जूझने के बाद इरफान ने अप्रैल, 2020 में अंतिम सांस ली थी। एक्टर के फैंस और उनसे जुड़े लोग अब तक गम से नहीं उबर पाए हैं। कुछ दिन पहले इरफान का जन्मदिन था और इस मौके पर उन्हें खूब याद किया गया। इरफान को चाहने वाले अक्सर उनसे संबंधित तस्वीरें और वीडियो शेयर करते रहते हैं। लेकिन हाल ही में एक ऐसी क्लिप सामने आई है, जिसमें इरफान को कविता पढ़ते हुए सुना जा सकता है। इरफान ने जिस कविता को अपनी आवाज दी है, उसका नाम 'कम्मो ताई' है। 'कम्मो ताई' को कवयित्री अनुराधा गाखर ने लिखा है। अनुराधा ने ही इरफान की आवाज में इस कविता को अपने यूट्यूब चैनल पर भी शेयर किया है। इस कविता में बच्चों से बिछड़ने का दर्द बयां किया गया है। बता दें कि इरफान कविताओं, नज्मों और गजलों को लेकर काफी रुचि रखते थे।
पढ़ें अनुराधा की 'कम्मो ताई' कविता
सूरज फिर उगा, पंछी फिर चहचहाए
फिर उठ खड़ा हुआ एक और दिन
रात तो सोती रहती है
सपने भी साथ देते हैं
मगर दिन कितना अकेला है
न चांद, ना तारे
वैसे कुछ लोग अकेले ही रहते हैं
सड़क, बुढ़ाया हुआ पीपल और कम्मो ताई
न सड़क के बच्चे हुए, न पीपल के
और कम्मो ताई के छोड़ गए
कुछ लोग अकेले ही रहते हैं
यह बच्चे भी बड़े अजीब होते हैं
उम्र के साथ खोखले होते जाते हैं
मानो दिल में दीमक लग गया हो
वरना मां के घर का रास्ता भला कोई भूल सकता है क्या
अब याद की बात भी निराली है
मां की यादें, सफेद बुढ़ापे में भी हरी हैं
कल ही की तो बात है
कम्मो ताई ने गज्जू की दुल्हन को अपने आखिर कंगन दिए थे
कंगन जाने का किसे दुख है
मगर गज्जू भी मानो कंगन में जड़ा हुआ पत्थर हो गया
कम्मो ताई सड़क के पीपल तले आज भी खड़ी है
कहा था न, कुछ लोग अकेले ही रहते हैं
इरफान की आवाज में सुनें कविता
कवयित्री अनुराधा गाखर ने अपनी कविता को इरफान खान द्वारा पढ़ने का श्रेय सुतापा सिकदर को दिया है। उन्होंने कहा कि इरफान की पत्नी सुतापा ने ही दोनों को साथ लाने में मदद की। अनुराधा ने अपने यूट्यूब चैलन पर कविता को शेयर करते हुए लिखा, 'यह मेरी कविता 'कम्मो ताई' है, जिसे इरफान खान ने अपनी आवाज दी है। वह हमेशा हमारे साथ हैं। आपका धन्यवाद और मैं हमेशा आभारी रहूंगी। सुतापा सिकदर का भी शुक्रिया, जिन्होंने 'कम्मो ताई' के लिए हमें साथ लाने में मदद की।'