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मौत से कुछ घंटे पहले परेश रावल को लिखी सुनील दत्त की वो चिट्ठी, 5 दिन पहले ही दे दी थी जन्मदिन की बधाई

Updated Jun 06, 2021 | 15:03 IST

Sunil Dutt Letter to Paresh Rawal: सुनील दत्त ने 2005 में अपनी मृत्यु से कुछ घंटे पहले परेश रावल को जन्मदिन की शुभकामनाओं को लेकर चिट्ठी लिखी थी। परेश ने संजू में सुनील की भूमिका निभाई है।

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सुनील दत्त और परेश रावल
मुख्य बातें
  • परेश रावल ने संजू फिल्म में निभाई है सुनील दत्त की भूमिका
  • अभिनेता ने फिल्म के प्रमोशन के दौरान सुनाया था पुराना किस्सा
  • जब दत्त साहब ने परेश रावल के जन्मदिन से 5 दिन पहले चिट्ठी भेजकर दी बधाई

मुंबई: अभिनेता संजय दत्त के पिता स्वर्गीय अभिनेता सुनील दत्त का उनके 76वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले 25 मई 2005 को उनके मुंबई स्थित घर पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। 06 जून को उनकी 92वीं जयंती मनाई जा रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि निधन से कुछ समय पहले उन्होंने अभिनेता परेश रावल को एक पत्र लिखा था, जिन्होंने फिल्म संजू में खुद सुनील दत्त की भूमिका निभाई है।

2018 में जब संजू रिलीज हुई तो परेश रावल ने ये किस्सा शेयर किया था। एक संसद सदस्य के रूप में उनके लेटरहेड वाले पत्र में सुनील दत्त ने लिखा था, 'प्रिय परेश जी! जैसा कि आपका जन्मदिन 30 मई को पड़ता है, मैं आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करता हूं। ईश्वर आप पर और आपके परिवार पर अपना सर्वश्रेष्ठ आशीर्वाद बरसाए।'

परेश ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने सुनील की मौत की खबर सुनकर अपनी पत्नी, अभिनेत्री स्वरूप संपत को फोन करके बताया कि वह देर से घर आएंगे। परेश रावल ने बताया था, 'उसने फिर मुझसे कहा कि सुनील दत्त की ओर से आपके लिए एक पत्र है। मैंने उससे पूछा कि पत्र क्या है और उसने कहा कि आपको जन्मदिन की बधाई देने के लिए है। मैंने उससे कहा कि मेरा जन्मदिन 30 मई को है, जिसमें अभी 5 दिन का समय है लेकिन उसने कहा कि पत्र तुम्हारे लिए है और उसने मुझे पढ़कर भी सुनाया। मै बहुत अधिक आचम्भित था। मेरे जन्मदिन से पांच दिन पहले दत्त साहब मुझे जन्मदिन का पत्र क्यों भेजेंगे? और हमने अतीत में कभी भी इस तरह एक दूसरे को शुभकामनाएं नहीं दी हैं- चाहे वह दीवाली हो या क्रिसमस - तो वह मुझे पत्र क्यों लिख रहे हैं?'

बता दें कि सुनील दत्त को मदर इंडिया फिल्म से प्रसिद्धि मिली थी, जिसमें उन्होंने दिवंगत अभिनेता नरगिस के साथ अभिनय किया था, जिनसे उनकी बाद में शादी भी हुई। उन्होंने 1950 और 1960 के दशक के अंत में साधना, इंसान जाग उठा, सुजाता, मुझे जीने दो, खानदान, मेरा साया और पड़ोसन जैसी फिल्मों के साथ खुद को शीर्ष सितारों में से एक के रूप में स्थापित किया।

1990 के दशक में, सुनील दत्त ने राजनीति की ओर रुख किया था और उनकी मौत के समय वह केंद्र सरकार में युवा मामले और खेल मंत्री थे।

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