- दिवंगत बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत एक होनहार छात्र थे
- पढ़ाई के साथ-साथ वह दोस्तों के साथ जमकर मस्ती भी करते थे
- उन्हें पहले सेमेस्टर में हॉस्टल से निकाल दिया गया था
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने रविवार को मुंबई में अपने घर में आत्महत्या कर ली। छोटे पर्दे पर सफलता के झंडे गाड़ने के बाद सुशांत ने बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग का सिक्का जमाया था। उन्होंने कुछ ही सालों में इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान ली थी। लेकिन अचानक उनके दुनिया को अलविदा कहने से हर कोई हैरान है। सुशांत एक होनहार छात्र रहे थे। वह कॉलेज के दिनों में दोस्तों के साथ जमकर मस्ती भी करते थे। कभी-कभी तो उन्हें समय का भी ख्याल नहीं रहता था जिसकी वजह से उन्हें हॉस्टल से भी निकाल दिया गया था। सुशांत ने यह किस्सा 'छिछोरे' फिल्म की रिलीज के वक्त खुद ही बताया था।
दरअसल, पिछले साल 'छिछोरे' फिल्म के प्रोमोशन के सिलसिले में सुशांत 'द कपिल शर्मा शो' पर गए थे। उनके साथ फिल्म की को एक्टर श्रद्धा कपूर भी थीं। शो पर कपिल ने शुशांत से पूछा था कि कॉलेज में बेहद शरारती दोस्ते मिलते हैं। सुशांत आपको कॉलेज में कितने शरारी दोस्त मिले थे? इसपर शुशांत ने बताया था कि मेरे तो सारे दोस्त ही ऐसे थे। मैं भी वैसे ही था।
उन्होंने आगे कहा था कि मैं दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पढ़ता था और अच्छा स्टूडेंट था। लेकिन मैं पहले ही सेमेस्टर में हॉस्टल से निकाल दिया गया। सुशांत के इतना कहते ही कपिल मजाकिया लबजे में बोलते हैं कि अच्छे बिहेवियर की वजह से। इसके बाद सुशांत ने बताया कि हमारे हॉस्ट में नियम था कि शाम सात बजे के बाद आउोगे तो एंट्री नहीं मिलेगी। मैं ज्यादातर समय पर पहुंच ही नहीं पाता था। सुशांत ने इसी कार्यक्रम में यह भी बताया था कि उन्होंने थर्ड इयर में कॉलेज छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि जब छठा सेमेस्टर छह महीने दूर था तो मैंने कॉलेज छोड़ दिया।
सुशांत को मशहूर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप भी मिली थी। हालांकि, उन्होंने एक्टिंग में अपना करियर बनाने की खातिर स्कॉलरशिप को ठुकरा दिया था। सुशांत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह कभी इंजीनियर नहीं बनना चाहते थे बल्कि परिवार की ख्वाहिश थी। उन्होंने बताया था कि वह एस्ट्रोनोट बनना चाहते थे और अगर ऐसा नहीं हो पता तो एयर फोर्स पायलट बनना चाहते। गौरतलब है कि सुशांत दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के 2003 बैच के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट थे। उन्होंने कॉलेज में दाखिले क वक्त 7वां रैंक हासिल किया था।