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Special Report : हिट मशीन आमिर खान और अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस पर क्यों हुए फ्लॉप, इनमें से कौन सी है बड़ी वजह

Updated Aug 16, 2022 | 15:01 IST

हBox Office Update: 11 अगस्त 2022, बॉक्स ऑफिस पर हिंदी सिनेमा के दो दिग्गजों की फिल्में टकराई। दोनों दिग्गज ऐसे कि उनका फिल्म में होना ही एक समय सफलता की गारंटी होता था, लेकिन इस बार दोनों बुरी तरह फेल हुए। आइये जानते हैं क्या कारण है इसका।

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Laal Singh Chaddha and Raksha Bandhan
मुख्य बातें
  • रिलीज को पांच दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन लाल सिंह चड्ढा अभी तक हाफ सेंचुरी नहीं लगा सकी
  • पांच दिन में रक्षा बंधन तो 35 करोड़ का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है
  • इन फिल्मों के प्रदर्शन से दोनों दिग्गज एक्टर्स के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है

हBox Office Update: 11 अगस्त 2022, बॉक्स ऑफिस पर हिंदी सिनेमा के दो दिग्गजों (आमिर खान और अक्षय कुमार) की फिल्में टकराई। दोनों दिग्गज ऐसे कि उनका फिल्म में होना ही एक समय सफलता की गारंटी होता था, लेकिन इस बार दोनों बुरी तरह फेल हुए। आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा और अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन इन दिनों सिनेमाघरों में मौजूद हैं लेकिन इनके प्रदर्शन से दोनों दिग्गजों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। 

रिलीज को पांच दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन लाल सिंह चड्ढा अभी तक हाफ सेंचुरी नहीं लगा सकी और रक्षा बंधन तो 35 करोड़ का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है। अहम सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो एक समय सिनेमा पर राज करने वाले ये सितारे फिल्म का बजट तक नहीं निकाल पा रहे हैं? आखिरी ऐसा क्या हो गया कि एक समय हाउसफुल रहने वाली इन सितारों की फिल्में अब दर्शकों के लिए तरस रही हैं?  आइये जानते हैं क्या कारण है इसका।

विरोध ने किया नुकसान 

आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा और अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन का रिलीज से पहले सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध हुआ। दोनों फिल्मों के लिए बायकॉट के हैशटैग चलाए गए। यूजर्स इन दोनों एक्टर्स, बाकी कास्ट और लेखकों के रवैये से दुखी थे। आमिर खान पर फिल्म पीके में देवी देवताओं के अपमान का आरोप लगा, अक्षय कुमार ने शिवरात्रि को लेकर ट्वीट किया, रक्षा बंधन की लेखिका कनिका ढिल्लों ने हिंदुत्व, CAA-NRC और हिंदू त्यौहारों के विरोध में ट्वीट किए। नतीजा ये हुआ कि लोगों ने इनकी फिल्मों का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया। पहले भी दीपिका पादुकोण जब दिल्ली अपनी फिल्म छपाक के प्रमोशन के लिए आई थीं तो वह जेएनयू पहुंची थी।इसके बाद उनकी फिल्म छपाक का बहिष्कार कर दिया गया था। सोशल मीडिया के दौर में एक्टर्स को समझना होगा कि उनका एक कदम, एक बयान कितना दूर तक जाता है और क्या असर दिखाता है।

ओटीटी का प्रभाव

कोरोना काल के बाद ओटीटी मनोरंजन का प्रमुख माध्यम बन गया है। आज सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखने की बजाय लोग घर बैठकर फिल्म देखना पसंद करते हैं। सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्में चार सप्ताह बाद ओटीटी पर आ ही जाती है। अधिकांश लोगों के पास ओटीटी प्लेटफॉर्म के सब्सक्रिप्शन हैं। लोग एक दूसरे से सब्सक्रिप्शन लेकर भी ओटीटी पर फिल्में देख लेते हैं। ऐसे में दर्शक केवल उसी फिल्म को देखने सिनेमाघर जाता है जब उसे लगता है कि टिकट के पूरे पैसे वसूल होंगे। 

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कहानियां

ओटीटी का चलन जबसे आया, तब से लोगों को रियल कहानी देखने को मिलीं। पंचायत, आर्या, फैमिली मैन, स्पेशल ऑप्स, आश्रम, मिर्जापुर, रक्तांचल, अरण्यक, बंदिश बैंडिट्स जैसी वेवसीरीज ने दर्शकों को उनके आसपास, उनके समाज की ऐसी कहानी दिखाईं तो रियल लगती हैं। इन कहानियों से लोगों ने खुद को कनेक्ट पाया। वहीं दूसरी तरफ फिल्मों की कहानी नकली लगती है। जब लोगों को ये अंतर समझ में आया तो उसका असर दिखने लगा। फिल्ममेकर्स को समझना होगा कि कहानी जितना हकीकत के करीब होगी, उतनी ही स्वीकार्य होगी।  

उम्र के हिसाब से किरदार

आमिर खान 57 साल के हैं और अक्षय कुमार 54 के। जिस उम्र में इनको पिता के रोल में आना चाहिए, उस उम्र में यह पर्दे पर रोमांस करते नजर आते हैं। खुद से 20-20 साल छोटी अदाकाराओं संग इनकी जोड़ियां बनती हैं। एक्टर्स को और मेकर्स को यह समझना होगा कि दर्शकों के सामने अब ऑप्शन हैं और वह किसी के स्टारडम से प्रभावित नहीं है। दर्शक कला और कलाकार को समझता है। वह पर्दे पर उम्र के हिसाब से किरदार देखना चाहता है। 

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