- देश भर में आज आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।
- आजादी के लिए कितने ही लोगों ने जेल की कठोर यातनाएं सही थी।
- एक्ट्रेस टी.पी. राजलक्ष्मी भी ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाने पर गई थीं जेल।
75th Independence Day T.P. RajLakshmi Facts. देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। 15 अगस्त 1947 की सुबह देश ने लगभग 200 साल की गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आजादी की सुबह देखी थी। इस स्वतंत्रता के लिए न जाने कितने आजादी के मतवालों ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे चूम लिए थे। वहीं, कई ने जेल की कठोर यातनाएं सही थी। फिल्म इंडस्ट्री में उस दौर में कई एक्टर्स अपनी फिल्मों और नाटकों के जरिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। ऐसी ही एक एक्ट्रेस थीं टी.पी. राजलक्ष्मी, जिन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने एक नहीं सात बार जेल भेजा था।
सिनेमा रानी के नाम से मशहूर तमिल एक्ट्रेस टी.पी. राजलक्ष्मी का जन्म 11 नवंबर 1911 को तंजोर जिले के सलियामंगलम गांव में हुआ था। महज 11 साल की उम्र में उनकी शादी करा दी गई थी। परिवार गरीब था, इस कारण दहेज के लिए पैसे नहीं थे। दहेज न देने के कारण सुसराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई। उन्होंने एक नाटक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था। कुछ वक्त बाद उनके नाटकों की इतनी पॉपुलेरिटी हुई कि लोग उन पर सोने-चांदी के गहने तक लुटा दिया करते थे। साल 1931 में फिल्म कालीदास से उन्होंने तमिल फिल्मों में डेब्यू किया था।
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ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नाटक
टी.पी राजलक्ष्मी आजादी के आंदोलन में भारतीय नेशनल कांग्रेस के मूवमेंट से जुड़ी। अपने नाटकों के जरिए वह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गाने गाती और बयान देती। ऐसे में अंग्रेज सरकार की नजरें उन पर पड़ गई थी। ब्रिटिश सरकार विरोधी नाटक के लिए उन्हें जेल में डाल दिया गया। हर बार नाटक मंडली के लोग उन्हें छुड़ाकर ला देते थे। उन्होंने फिल्म इंडिया थाई बनाई। इसका अर्थ है भारत माता। ब्रिटिश सेंसर बोर्ड ने फिल्म का नाम बदलने के लिए कहा मगर राजलक्ष्मी टस से मस नहीं हुई। ब्रिटिश सरकार के डर से फिल्म कई जगह पर रिलीज ही नहीं हुई।
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गरीबी में गुजरे आखिरी दिन
टी.पी. राजलक्ष्मी साउथ फिल्मों की पहली महिला डायरेक्टर थीं। उन्होंने एक बच्ची को गोद भी लिया, जिसके परिवार वाले उन्हें लड़की होने के कारण मार देना चाहते थे। उन्होंने लड़कियों की हत्या का विरोध किया और उन्हें शिक्षा देने के लिए अपनी आवाज उठाई। उन्होंने अपने को स्टार टी.वी सुंदरम से शादी की और साल 1936 में वह बेटी की मां बनीं।
टी.पी राजलक्ष्मी ने अपनी बेटी को लेकर मिस कमला फिल्म बनाई। ये ब्लॉकबस्टर थी। हालांकि, उनके अंतिम दिन गरीबी में गुजरे। फिल्मों के फ्लॉप होने के कारण उनके पैसे डूब गए। बेटे को सोनी की अंगूठी पहनाने के लिए उन्हें अपना अवॉर्ड तक पिघला दिया था। साल 1964 में 52 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।