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पिता से कोर्ट केस हार गईं पॉप स्‍टार Britney Spears, जानिए क्‍या था Conservatorship से जुड़ा ये पूरा मामला

Updated Jul 01, 2021 | 16:33 IST

Britney Spears conservatorship case: जानी मानी अमेरिकी पॉप गायिका ब्रिटनी स्‍पीयर्स Conservatorship मामले में अपने पिता से कोर्ट केस हार गई हैं। वह पिता जेमी स्पीयर्स के संरक्षण से आजादी चाहती थीं।

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Britney Spears
मुख्य बातें
  • जानी मानी अमेरिकी सिंगर, डांसर और एक्ट्रेस ब्रिटनी स्‍पीयर्स पिता से कोर्ट केस हार गई हैं।
  • Conservatorship मामले में अपने पिता के खिलाफ कोर्ट चली गई थीं ब्रिटनी स्‍पीयर्स।

Britney Spears Conservatorship Case: जानी मानी अमेरिकी सिंगर, डांसर और एक्ट्रेस ब्रिटनी स्‍पीयर्स Conservatorship मामले में अपने पिता से कोर्ट केस हार गई हैं। वह पिता जेमी स्पीयर्स के संरक्षण से आजादी चाहती थीं और इसी संबंध में उन्‍होंने कोर्ट केस दर्ज कराया था। बीते सप्‍ताह लॉस एंजिलिस कोर्ट में ब्रिटनी स्‍पीयर्स के बयान दर्ज कराए थे। उनके और उनके पिता का यह विवाद काफी चर्चा में रहा था और केस ने कोर्ट की सुनवाई के दौरान अधिक ध्‍यान खींचा। यह मामला नए तरह का था जिसमें एक बेटी अपने पिता से आजादी चाहती थी। 

बॉलीवुड अदाकारा रिया चक्रवर्ती ने भी ब्रिटनी स्‍पीयर्स का सपोर्ट किया था। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर सिंगर के लिए पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था #FreeBritney।  साल 2008 में जब ब्रिटनी स्‍पीयर्स ने फेडरलाइन से तलाक लिया था तो उन्‍हें अपने पिता के संरक्षण (कंजरवेटरशिप) में रखा गया था। इसके बाद ब्रिटनी के सभी पर्सनल और प्रोफेशनल फैसले लेने का अधिकार उनके पिता को दे दिया गया था। इसी मामले के खिलाफ ब्रिटनी स्‍पीयर्स कोर्ट चली गई थीं क्‍योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उनके फैसले पिता लें। हालांकि कानून का सहारा लेने के बाद भी ब्रिटनी स्‍पीयर्स केस हार गई हैं।  

क्‍या है कंजरवेटरशिप (What is Conservatorship)

कंजरवेटरशिप एक तरह की जिम्‍मेदारी है। जो लोग अपने फैसले खुद लेने में सक्षम नहीं होते हैं, उनके फैसले लेने की जिम्‍मेदारी किसी करीबी को दे दी जाती है। ब्रिटनी के तलाक के बाद उनके सभी फैसले लेने का अधिकार उनके पिता James Parnell Spears को दे दी गई थी। कोर्ट ने ब्रिटनी के पिता को उनकी संपत्ति, प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ का फैसला लेने के आदेश दिए थे। हालांकि ब्रिटनी स्‍पीयर्स इस फैसले के खिलाफ थीं और उन्‍होंने कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। 

ब्रिटनी ने वापस मांगा था हक

ब्रिटनी स्‍पीयर्स ने इस मामले में कहा था कि पिता के संरक्षण में उन्‍हें उनकी मर्जी के बिना दवाइयां दी जाती थीं। करोड़ों की कमाई उनकी अपनी नहीं रही। वह अपने पैसों पर कंट्रोल भी नहीं कर सकती थीं। उन्‍हें रिहैब भेज दिया गया था। ब्रिटनी ने कहा था कि अब सब बर्दाश्‍त से बाहर हो चुका है। उन्‍हें उनका हक, आजादी और जिंदगी वापस चाहिए। 

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