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बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आई थी गुलशन कुमार की फैमिली, कभी पिता के साथ बेचते थे जूस

Updated May 05, 2022 | 06:04 IST

Gulshan Kumar Birth Anniversary: गुलशन कुमार की पांच मई को बर्थ एनिवर्सरी है। कैसेट किंग के नाम से मशहूर गुलशन कुमार की साल 1997 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। जानिए गुलशन कुमार के बारे में दिलचस्प बातें।

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Gulshan Kumar
मुख्य बातें
  • गुलशन कुमार का पांच मई को बर्थडे है।
  • गुलशन कुमार का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
  • साल 1997 में गुलशन कुमार की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।

मुंबई.टी सीरीज के मालिक और कैसेट किंग के नाम से मशहूर गुलशन कुमार की आज 66वीं बर्थ एनिवर्सरी है। गुलशन कुमार का पूरा नाम गुलशन कुमार दुआ था। गुलशन कुमार का सफर किसी बॉलीवुड कहानी से कम नहीं है। साल 1997 में गुलशन कुमार की अंडरवर्ल्ड ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

गुलशन कुमार का जन्म दिल्ली के दरियागंज इलाके में एक पंजाबी परिवार में हुआ था, जो बंटवारे के दौरान पश्चिमी पंजाब के झांग प्रांत से दिल्ली आया था। उनके पिता चंद्रभान कुमार दुआ जूस की दुकान थी। बेहद कम उम्र में गुलशन कुमार अपने पिता का जूस की दुकान में हाथ बटाने लग गए थे। उन्हें बचपन से ही म्यूजिक का शौक था। गुलशन कुमार ने एक सस्ते गानों के कैसेट की दुकान खोल ली थी। बिजनेस जब बढ़ने लगा तो उन्होंने नोएडा में एक म्यूजिक कंपनी सुपर कैसेट्स इंडस्ट्री की शुरुआत की। साल 1983 आते-आते उन्होंने मुंबई में टी सीरीज नाम की कंपनी खोल ली थी।      

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वैष्णो देवी में चलाते थे भंडारा
गुलशन कुमार भगवान शिव और माता वैष्णो देवो के परम भक्त थे। उन्होंने कई धार्मिक भजन और आरतियां अपनी म्यूजिक लेबल टी सीरीज से रिलीज किए हैं। यही नहीं, गुलशन कुमार जम्मू स्थित वैष्णो देवी के मंदिर में भंडारा भी लगाते थे। इसमें वह भक्तों को प्रसाद दिया करते थे। इसकी शुरुआत उन्होंने साल 1983 में वैष्णो देवी के बाण गंगा में की थी। गुलशन कुमार की मृत्यु के बाद उनके बेटे भूषण कुमार अभी भी अपने पिता की याद में ये भंडारा चलाते हैं। 

मंदिर के बाहर गोलियों से भूना
गुलशन कुमार को 12 अगस्त 1997 में मंदिर से बाहर गोलियों से भून दिया गया था। गुलशन कुमार मंदिर से दर्शन करके बाहर निकल रहे थे, तभी शूटर ने उन पर ताबड़तोड़ 16 गोलियां दाग दी थी। गुलशन कुमार की हत्या के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम था। 

गुलशन कुमार पर गोलियां रऊफ मर्चेंट ने दागी थी। साल 2002 में मर्चेंट को सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। साल 2009 में राउफ बांग्लादेश भाग गया था, जिसे पुलिस ने दोबारा पकड़ लिया। साल 2021 में बंबई हाईकोर्ट ने उनकी सजा बरकरार रखी थी। 

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