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83 Movie Review: वर्ल्ड कप जीतने की रोमांचक संघर्ष यात्रा है 'फिल्म 83', कपिल देव के रोल में छा गए रणवीर सिंह

Updated Dec 21, 2021 | 10:50 IST
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83 Movie Review in Hindi: रणवीर सिंह की फ‍िल्‍म 83 साल 1983 में भारतीय टीम द्वारा क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने की रोमांचक कहानी को दिखाती है। इस फ‍िल्‍म में हर कलाकार ने अपना 100 प्रतिशत दिया है।

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83 Movie Review in Hindi
मुख्य बातें
  • रणवीर सिंह स्‍टारर फ‍िल्‍म 83 रिलीज को तैयार
  • भारतीय क्रिकेट की स्‍वर्णिम विजय की कहानी है फ‍िल्‍म
  • रणवीर सिंह ने निभाया है कपिल देव का किरदार

83 Movie Review in Hindi: साल 25 जून 1983 की तारीख भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है जब हर देशवासी का सिर गर्व से ऊंचा था और आंखें नम थीं। बेहद कमजोर मानी जाने वाली भारतीय टीम ने फाइनल मैच में वेस्‍टइंडीज को 43 रन से हराकर वर्ल्‍ड कप अपने नाम कर लिया था। लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान पर खेले गए इस मैच की कप्‍तानी कपिल देव के कंधों पर थी। उस दौर के लोग जानते हैं कि कैसे इस मुकाम को हासिल करने के लिए भारतीय टीम ने ना केवल पसीना बल्कि खून तक बहाया था। निर्देशक कबीर खान ने इसी रोमांचक जीत की कहानी को पर्दे पर उतारने का काम किया है और यह कहने में गुरेज नहीं कि कबीर खान इस काम में कामयाब हो गए हैं। जब दर्शक देखते हैं कि वर्ल्‍ड कप की जीत में खून का कतरा तक बहा तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्‍टारर फिल्म '83 रिलीज होने वाली है। क्रिकेट वर्ल्‍ड कप पर आधारित इस मूवी को लेकर दर्शकों में अभी से बेकरारी नजर आ रही है। इस फिल्म में साल 1983 में भारतीय क्रिकेटर कपिल देव की ओर क्रिकेट विश्व कप ट्रॉफी जीतने के सुनहरे पल को दिखाया गया है। फिल्म 83 रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की शादी के बाद पहली ऑनस्क्रीन मूवी होगी। इसमें रणवीर कपिल देव की भूमिका में नजर आए हैं जबकि दीपिका उनकी पत्‍नी रोमी भाटिया के रोल में हैं। कबीर खान के निर्देशन में बनी 83 में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के अलावा पंकज त्रिपाठी, अम्मी विर्क, साकिब सलीम, हार्डी संधू, बोमन ईरानी, साहिल खट्टर, अमृता पुरी, ताहिर राज भसीन और निशांत दहिया भारतीय क्रिकेट टीम के अन्‍य सदस्‍य और मैनेजर की भूमिका में हैं। 

फ‍िल्‍म 83 इसलिए खास है क्‍योंकि इसमें देशभक्ति है, इसमें क्रिकेट है, इसमें भावनाओं का जुड़ाव है।1983 की टीम वास्तव में भारत भर की क्रिकेट प्रतिभाओं का एक समामेलन थी जो आखिरी गेंद तक लड़ना चाहती थी। विश्व कप जीतने के लिए कुछ ऐसा करो जो इस देश के इतिहास में कभी नहीं किया गया! लोग उस इतिहास को फिर से देखना चाहते हैं जो प्रतिष्ठित कप्तान कपिल देव द्वारा बनाया गया था, जब भारत ने 1983 में इंग्लैंड में विश्व कप फाइनल में शक्तिशाली वेस्टइंडीज को हराया था।

अगर आप सच्चे क्रिकेट प्रेमी हैं तो आप कई ऐसे इमोशनल मोड़ आएंगे जो आंखें नम कर देंगे। कई ऐसी घटनाएं हैं जो चेहरे पर मुस्‍कान ले आते हैं। फिल्म के जो स्ट्रॉन्ग पॉइंट्स हैं, उनमें एक है रिसर्च, ऐसा लगता है हर मैच को बार-बार देखा गया है और हर सीन को फ‍िल्‍माने से पहले मैच के वीडियोज देखे गए हैं। वहीं हर किरदार में कलाकार जिस तरह ढले हैं उससे साफ जाहिर है क्रिएटिव टीम ने जबरदस्‍त होमवर्क किया है। सीन ऐसे रचे गए हैं कि सभी 11 प्लेयर्स को पूरी अहमियत मिली है।

फारुख इंजीनियर के रोल में बोमन ईरानी, मैनेजर के रोल में पंकज त्रिपाठी, गावस्कर के रोल में ताहिर भसीन, श्रीकांत के रोल में तमिल एक्टर जीवा, महेंद्र अमरनाथ के रोल में साकिब सलीम, यशपाल के रोल में जतिन सरना, मदन लाल के रोल में हार्डी संधू, बलविंदर संधू के रोल में एमी विर्क ने अपना 100 प्रतिशत दिया है। रणवीर ने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि उनका कोई तोड़ नहीं। फिल्म में कई जगह पर रियल विजुअल भी डाले गए हैं जैसे कपिल देव की वो पारी जब उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। भारतीय टीम के मैनेजर पीआर मान सिंह के रोल में पंकज त्रिपाठी छा गए हैं। पंकज त्रिपाठी का हैदराबादी एक्सेंट जबरदस्त है। 

ये फि‍ल्म उस वक़्त के खिलाड़ियों की तबीयत, उनकी मसखरी, उनके इमोशनल ऐंगल, उनके संघर्षों की कहानियां दिखाती है। ये फ‍िल्‍म बताती है कि किन परिस्थितियों में और संसाधनों के अभाव में कैसे भारतीय टीम ने वो करिश्‍मा किया था जिसकी कल्‍पना किसी को नहीं थी। 83 वो फ‍िल्‍म है जिसे जरूर देखा जाना चाहिए। 1983 से पहले पैदा हुए लोगों की यादें ताजा होंगी तो उसके बाद पैदा हुए लोग भारतीय क्रिकेट की स्‍वर्णिम विजय के साक्षी बन सकेंगे। फ‍िल्‍म के गाने जोश भरने का काम करते हैं।  

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