लाइव टीवी

Aashram Season 3 Web Series Review & Rating: सीजन 3 में ओझल होती गई बाबा निराला की छवि, फीकी पड़ी किरदारों की चमक

Updated Jun 03, 2022 | 14:33 IST
Critic Rating:

Aashram Season 3 Web Series Review and Rating in Hindi: हाल ही में प्रकाश झा द्वारा निर्देशित वेब सीरीज आश्रम का तीसरा सीजन रिलीज हुआ है। पहले और दूसरे दिलचस्प सीजन के बाद तीसरे सीजन ने दर्शकों का दिल तोड़ दिया है। 

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Aashram Season 3
मुख्य बातें
  • आश्रम 3 देख फैंस हुए निराश।
  • कमजोर पड़ी सीजन 3 की कहानी।
  • किरदारों ने खोई अपनी चमक।

Aashram Season 3 Web Series Review and Rating in Hindi: दामुल, परिणीति, मृत्युदंड और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित डायरेक्टर प्रकाश झा की वेब सीरीज एक बदनाम आश्रम सीजन 3 का इंतजार दशक लंबे समय से कर रहे थे। हाल ही में आश्रम वेब सीरीज का तीसरा सीजन रिलीज हुआ है जिसे देखने के बाद फैंस नाराज हैं। अगर आपने आश्रम का पहला और दूसरा सीजन देखा हो तो आपको तीसरा सीजन निराश कर सकता है। क्योंकि पहले और दूसरे दिलचस्प सीजन के बाद प्रकाश झा तीसरे सीजन में डगमगा गए। इस सीजन के लिए उनका निर्देशन फीका पड़ गया जिसकी वजह से वेब सीरीज के सभी किरदारों ने अपनी चमक गवां दी। सिनेमैटोग्राफी, फिल्मोग्राफी, स्क्रिप्ट, गाने और एक्टिंग की बात को दरकिनार कर दिया जाए तो दर्शकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती 10 एपिसोड्स देखने की है। 

Also Read: Samrat Prithviraj Movie Review & Rating: सम्राट पृथ्वीराज की शौर्य गाथा देख रगों में भर जाएगा जोश, जानें कैसी है अक्षय कुमार की फिल्म

कहानी में नहीं था कोई दम

बाबाओं और धर्मगुरुओं के काले करतूतों की कहानी पर्दे पर कई बार देखी जा चुकी है। ऐसे में दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले निर्देशक प्रकाश झा इस बार उनके लिए कुछ खास और अलग लेकर आएंगे। लेकिन प्रकाश झा के इस वेब सीरीज के तीसरे सीजन की कहानी दर्शकों को रास नहीं आई। लिखावट की वजह से आश्रम सीजन 3 मार खा गई। पहले और दूसरे सीजन में बाबा निराला ने जो नाम कमाया था वह तीसरे सीजन में चौपट हो गया। कहा जा सकता है कि खराब निर्देशन और कमजोर कहानी की वजह से सभी किरदारों ने अपनी चमक खो दी।

ओझल होती गई बाबा निराला की छवि 

एक बदनाम आश्रम के कुछ एपिसोड्स देखने के बाद ही दर्शकों की ललक खत्म हो जाएगी। दर्शकों के अनुसार, मजबूरी में ही इस फिल्म के सभी एपिसोड्स को खत्म करना पड़ेगा। पहले और दूसरे सीजन में बाबा निराला के भ्रष्ट, धूर्त और कामातुर रूप ने दर्शकों को काफी आकर्षित किया था लेकिन तीसरे सीजन में बाबा निराला अपना दमखम नहीं दिखा पाए। इस सीजन के कई हिस्सों में एक्टिंग के मामले में भोपा स्वामी बाबा निराला पर भारी पड़ गए। 

Also Read: Major Movie Review & Ratings: मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जज्बे की कहानी है फिल्म 'मेजर', बयां करती है 26/11 हमले का दर्द

दरकिनार किया गया महिलाओं का किरदार

तीसरे सीजन तक आते-आते प्रकाश झा की यह वेब सीरीज महज चूहा बिल्ली की कहानी बनकर रह गई। ईशा गुप्ता का किरदार इस वेब सीरीज में बेहतर कर सकता था लेकिन घिसी पिटी कहानी की वजह से अदाकारा का अभिनय कुछ खास नहीं रहा। वहीं हर दृश्य में अदिति पोहनकर के भाव भी एक जैसे दिखे। लेकिन त्रिधा चौधरी ने अपने किरदार की शान को बनाए रखने की कोशिश की। बात करें अगर अनुरिता झा कि तो इस सीरिज को बोल्ड और सेंसुअस बनाने से वह पीछे नहीं हटीं। तीसरे वेब सीरीज में दर्शन कुमार, अनुप्रिया गोयंका और अध्ययन सुमन के किरदार सिमट कर रह गए।

क्या देखनी चाहिए यह वेब सीरीज?

एक बदनाम आश्रम की कहानी 10 एपिसोड में बांटी गई है। इस वेब सीरीज के हर एक एपिसोड बहुत लंबे हैं जिन्हें देखने पर ऐसा लग रहा है जैसे की कहानी को बस किसी भी तरह खींचा गया है। अगर आप यह वेब सीरीज देखना चाहते हैं तो ऐसा हो सकता है कि आप इसे बीच में ही छोड़ दें। नहीं तो पूरी कहानी जानने के लिए आपको मजबूरी में सारे एपिसोड्स देखने पड़ेंगे। किसी भी तरह अपना समय व्यतीत करने के लिए वेब सीरीज देखी जा सकती है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।