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Cash Movie Review: नोटबंदी की याद दिला रही अमोल पराशर की फिल्म कैश, पढ़िए फिल्म का रिव्यू

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Nov 19, 2021 | 12:43 IST
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नोटबंदी के पांच साल बाद ऋषभ सेठ द्वारा निर्देशित फिल्म कैश एक बार फिर नोटबंदी की याद दिला रही है। फिल्म का रिव्यू पढ़कर आप यहां जान सकते हैं कि क्या इस फिल्म के साथ इस वीकेंड को शानदार बनाया जा सकता है – Cash (2021) Disney+Hotstar

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Cash Movie Review
मुख्य बातें
  • कॉमेडी और सस्पेंस से भरपूर यह फिल्म दर्शकों को काफी गुदगुदाने वाली है।
  • यह फिल्म नोटबंदी के बाद देशवासियों का हाल बयां कर रही है।
  • फिल्म में अमोल ने लीड रोल निभाया है, जो अपना स्टार्टअप खड़ा करना चाहता है।

Film Cash Review In Hindi: 9 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री का संबोधन तो आप सभी को याद होगा। मेरे देशवासियों से शुरु होने वाले इस संबोधन ने करोड़ो लोगों की नींद उड़ा दी थी। वहीं नोटबंदी के पांच साल बाद ऋषभ सेठ द्वारा निर्देशित फिल्म कैश एक बार फिर नोटबंदी की याद दिला रही है। फिल्म की कहानी आपको हंसाकर लोटपोट कर देगी। फिल्म में अमोल पराशर ने लीड रोल निभाया है, जो अपना स्टार्टअप खड़ा करना चाहता है। लेकिन किस्मत की मार उन्हें बार बार निराश कर देती है। नोटबंदी के बाद उसे एक ऐसा आइडिया आता है जिससे वह रातोंरात करोड़पति बन सकता है। बैंकों द्वारा पुराने नोट स्वीकार करने से पहले 52 दिनों में वह 500 और हजार के 5 करोड़ रुपये को लॉन्ड्र करने की योजना बनाता है।

यह फिल्म उन लोगों की कहानी है जिन्होंने नोटबंदी को एक अच्छे अवसर में बदलते हुए इसे एक व्यवसाय बनाने की कोशिश की, जबकि अधिकांश लोग अपने काले धन को बचाने में लगे थे। कॉमेडी और सस्पेंस से भरपूर यह फिल्म दर्शकों को काफी गुदगुदाने वाली है। फिल्म में कई अजीबोगरीब किरदार हैं, जिनका जीवन नोटबंदी के बाद पूरी तरह बदल जाता है। यह फिल्म नोटबंदी के बाद देशवासियों का हाल बयां करती है। फिल्म डिज्नी+हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। ऐसे में इस वीकेंड आप हंसने के लिए तैयार हो जाएं और प्रदूषण में बाहर निकलने के बजाए इस मूवी का लुत्फ उठा सकते हैं।
 
फिल्म की कहानी

ऋषभ सेठ द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अमोल गुलाटी और स्मृति कालरा ने लीड रोल निभाया है। अमोल पराशर एक सीईओ के किरदार में नजर आ रहे हैं, जिसके दिमाग में हमेशा बिजनेस का आइडिया सूझता है। दो कंपनियों के बंद होने के बाद भी अरमान हार नहीं मानता और सफलता की आस लेकर वह एक दिन बड़ा बिजनेसमैन बनने का सपना देखता है। वहीं फिल्म में कविन दवे के किरदार को दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है। कविन ने फिल्म में विवेक सोडानी का किरदार निभाया है। इन्हें प्यार से सोडा कहते हैं, विवेक भगवान के परम भक्त हैं और वास्तुशास्त्र के अनुसार ही अपना काम करते हैं। अमोल पराशर के कॉमिक टाइमिंग ने फिल्म में जान डाल दी है।

स्क्रीन से नहीं हटेगी नजर

सस्पेंस से भरपूर फिल्म की कहानी छोटी है, लेकिन लेखक और निर्देशक ने इसमें रफ्तार बनाए रखने की कोशिश की है। हालांकि यदि फिल्म में डायलॉग और भी थोड़े चुटीले होते तो देखने का मजा दोगुना हो जाता। फिल्म की कहानी आपको बेहद पसंद आने वाली है, सभी कलाकारों को सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। फिल्म में अमोल पराशर के साथ स्मृति कालरा,  कविन दवे, स्वानंद किरकिरे और गुलशन ग्रोवर मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। 

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