- फिल्म दसवीं सात अप्रैल को रिलीज होगी।
- फिल्म में अभिषेक बच्चन लीड रोल में हैं।
- यामी गौतम एक सख्त ऑफिसर के रोल में हैं।
Dasvi Movie Review in Hindi: "मेरे बेटे , बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे , जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे , वो मेरे बेटे होंगे।' दसवीं का ट्रेलर रिलीज होने के बाद अमिताभ बच्चन ने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता की इन पंक्तियों के साथ अभिषेक बच्चन को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। फिल्म रिलीज के बाद अब अभिषेक बच्चन के फैंस को इंतजार कर रहे हैं कि वह सही मायनों में अपने पिता की इन बातों को सच साबित करते हैं या नहीं। दसवीं सात अप्रैल को रिलीज हो रही है। ऐसे में फिल्म देखने से पहले पढ़ लें ये रिव्यू।
दसवीं में अभिषेक बच्चन एक भ्रष्ट सीएम गंगाराम चौधरी के किरदार में है। वहीं, यामी गौतम पुलिस ऑफिसर और निम्रत कौर अभिषेक बच्चन की वाइफ का किरदार निभा रही हैं। डायरेक्टर तुषार जलोटा की ये पहली फिल्म साफ और पक्की नीयत से बनाई गई है। हालांकि, इस फिल्म में कमी इसे 10 में से 10 नंबर लाने से रोकती है।
कहानी (Dasvi Plot)
सीएम गंगाराम चौधरी (अभिषेक बच्चन) भ्रष्टाचार के आरोप में जेल के अंदर बंद हैं। उनकी भोली-भाली वाइफ बिमला देवी चौधरी (निम्रत कौर) को अचानक से पावर मिल जाती है। चौधरी सलाखों के पीछे आइपीएस ऑफिसर ज्योति देसवाल (यामी गौतम) को चैलेंज करते हैं कि वह दसवीं पास करके दिखाएंगे। वहीं, जेल के बाहर गंगाराम की बीवी बिमला देवी को सत्ता का नशा हो जाता है। अब क्या गंगाराम चौधरी 10वीं की परीक्षा पास कर पाएगा। अगर हां तो किन तरीकों से, इन सभी सवालों का जवाब के लिए आपको दसवीं फिल्म देखनी होगी।
एक्टिंग
जाट सीएम के किरदार में अभिषेक बच्चन को देखना खासकर ओटीटी में काफी मजेदार होगा। वहीं, मर्दों के बीच पुलिस ऑफिस के किरदार में यामी गौतम ने एक बार फिर इंप्रेस किया है। हालांकि, डायलॉग डिलीवरी में पंच की कमी साफ नजर आई। इसके अलावा निम्रत कौर ने दोनों ही किरदार पहला एक आदर्श पत्नी और दूसरी एक तेज तर्रार सीएम के साथ न्याय किया है। इन लीड एक्टर के किरदार के बीच पॉपुलर यूट्यूबर अरुण कुशुवाहा यानी छोटे मियां का किरदार घंटी ने पूरी फिल्म में अपने किरदार को मजबूती के साथ पर्दे पर निभाया है।
कमजोर कड़ी
दसवीं फिल्म अशिक्षा, सत्ता, भ्रष्टाचार, जेल के अंदर की हालत जैसे मुद्दे को उठाती है। लेकिन, इन सभी के बावजूद फिल्म की कहानी कई जगह पर कमजोर नजर आती है। फिल्म क कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है इसकी कमी खुलकर बाहर आने लगती है। एक वक्त बाद, फिल्म अप्रासंगिक भी लगने लगती है। ऐसे में फिल्म कई फ्रंट पर सही होने के बावजूद लंबाई के कारण पासिंग मार्क्स ही लाने में सफल होती है।