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The Sky Is Pink Movie Review: इमोशंस से भरी दिल को छू लेने वाली कहानी है प्रियंका-जायरा की द स्काई इज पिंक

Updated Oct 30, 2019 | 11:13 IST |
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प्रियंका चोपड़ा की फिल्म द स्काई इज पिंक एक इमोशनल कहानी है, जिसमें फैमिली बॉन्ड, इमोशन, ड्रामा सब कुछ है। साथ ही ये फिल्म जायरा वसीम की आखिरी फिल्म है। द स्काई इज पिंक देखने जाने से पहले पढ़े इसका रिव्यू...

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
The Sky Is Pink movie review
मुख्य बातें
  • द स्काई इज पिंक से प्रियंका ने किया बॉलीवुड में कमबैक
  • इमोशनल स्टोरी है शोनाली बोस की द स्काई इज पिंक
  • जायरा वसीम की आखिरी फिल्म है द स्काई इज पिंक

देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड में 3 साल बाद वापसी कर रही हैं। जिसे लेकर उनके फैंस में जबरदस्त क्रेज है। जहां प्रियंका इस फिल्म से कमबैक कर रही हैं, वहीं जायरा वसीम की ये आखिरी फिल्म है। शोनाली बोस की इस फिल्म का सब्जेक्ट काफी अलग है। इसमें प्रियंका के साथ फरहान अख्तर, जायरा वसीम और रोहित सराफ लीड रोल में है। फिल्म के ट्रेलर को देखकर ही पता चल गया था कि ये एक इमोशनल स्टोरी है, जिसमें जिंदगी के उतार-चढ़ाव को करीब से दिखाया गया है। ये फिल्म 11 अक्टूबर 2019 को रिलीज हो रही है। अगर आप भी इसे देखने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले पढ़ लें द स्काई इज पिंक का रिव्यू:

कहानी
द स्काई इज पिंक में प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर, जायरा और रोहित के पैरेंट्स के रूप में नजर आ रहे हैं। ये कहानी आयशा चौधरी (जायरा) की है, जिन्हें जानलेवा बीमारी pulmonary fibrosis है। द स्काई इज पिंक की कहानी की शुरुआत 2015 से होती है, जिसमें अदिति (प्रियंका) अपनी बेटी आयशा (जायरा) के जाने के बाद उनकी याद में जागती रहती हैं। कहानी की शुरुआत में ही बता दिया जाता है कि आयशा की मौत हो चुकी है और स्टोरी बैक में घुमती है। 

जायरा वसीम की फिल्म में एंट्री भले ही एक घंटे बाद होती है, लेकिन वे शुरू से ही अपनी और परिवार की कहानी बताती है। वे बताती हैं कि कैसे वो एक बड़ी बीमारी के साथ पैदा होती है और ये बीमारी उनके पूरे परिवार को बदल देती है। बचपन से ही उन्हें बचाने की मुहिम शुरू हो जाती है, लेकिन वे 18 साल ही जी पाती है। आयशा इतनी जल्दी हार मानने वालों में से नहीं हैं। वे अपनी मौत को लेकर पहले तो डर जाती हैं, लेकिन बाद में इसे बहुत अच्छी तरह हैंडल करती हैं और मोटिवेशनल स्पीच देने लगती हैं।

एक परिवार के इमोशन, अपने किसी चाहने वाले को हमेशा के लिए खो देने का गम, तकलीफों के बीच कुछ मजाकिया पल को बयां करती है द स्काई इज पिंक। फिल्म में इमोशनल के साथ-साथ कई फनी सीन्स भी हैं। प्रियंका और फरहान की खट्टी-मीठी नोक-झोंक आपको भी हंसने पर मजबूर कर देगी। वहीं इमोशनल सीन्स के दौरान आप अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाएंगे। हालांकि फिल्म थोड़ी लंबी है, इसे थोड़ा छोटा किया जा सकता था।

क्या है द स्काई इज पिंक का मतलब
अगर आपके जहन में भी ये सवाल है कि आसमान नीला होता है, तो फिल्म के नाम में इसे पिंक क्यों बताया गया है। इसकी एक खास वजह है, जो अदिति अपने बेटे ईशान का समझाती है। एक सीन के दौरान अदिति बनी प्रियंका कहती है कि आपके स्काई का रंग जो आप चाहे वो हो सकता है। अगर आपको ये पिंक लगता है तो ये पिंक ही है। कोई और आपके लिए आपके आसमान का रंग तय नहीं कर सकता है। और यही वजह है कि फिल्म का नाम द स्काई इज 'पिंक' रखा गया है।

एक्टिंग
एक्टिंग की अगर बात करें तो मां के रोल में प्रियंका का अभिनय बहुत शानदार था। गुस्सा, मजाक और इमोशन, हर भाव को उन्होंने बखूबी पर्दे पर उतारा। फरहान भी अपने किरदार में पूरी तरह समाए हुए लगे। खास बात ये थी कि फिल्म में दोनों की केमिस्ट्री जबरदस्त लग रही थी। फनी और इमोशनल सीन्स को देखकर आपको सही में लगेगा कि ये दोनों पति-पत्नी हैं। 

वहीं बात कर जायरा की करें तो अपनी आखिरी फिल्म के रूप में उन्होंने अपने फैंस को जबरदस्त तोहफा दिया है। फिल्म में जायरा ने हर एक पल को जीया है। वहीं रोहित सराफ, जायरा के बड़े भाई ईशान के रूप में बहुत अच्छे लगे हैं। उनका रोल भले ही छोटा हो, लेकिन वे कहीं फीके नहीं लगे। मरती हुई बहन को फोन पर चुप कराने और मजाकिया बाते करने, फिर फोन रखने के बाद गुस्सा करते हुए खुद ही रो पड़ने वाले सीन को देखकर आंखे नम हो जाती हैं।

डायरेक्शन
फिल्म को शोनाली बोस ने डायरेक्ट किया है, जो इससे पहले मार्गरिटा विद ए स्ट्रॉ जैसी जबरदस्त फिल्म दे चुकी हैं। डायरेक्टर के रूप में उनका काम काफी सधा हुआ था। उन्होंने इमोशन और फन को काफी बैलेंस किया है। जिसकी वजह से फिल्म पर उनकी ग्रिप बहुत अच्छी थी। उन्होंने इस टॉपिक को ड्रेमेटिक बनाने की बजाए बहुत अच्छे से हैंडल किया है। फिल्म में सिर्फ आयशा की कहानी ही नहीं, बल्कि निरेन (फरहान) और अदिति (प्रियंका) के रोमांस और शादी के बाद की जिंदगी को बहुत अच्छी तरह से दर्शाया गया है।

डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, परफॉर्मेंस के मामले में द स्काई इज पिंक बहुत अच्छी है, लेकिन फिल्म काफी लंबी थी। सेकंड हाफ में फिल्म थोड़ी भारी लगने लगती है। फिल्म में से कुछ सीन्स को आसानी से हटाया जा सकता था। उनके बिना भी फिल्म अपने पेस में रहती। हालांकि इसके अलावा द स्काई इज पिंक में कोई कमी नहीं थी।

कुल मिलाकर द स्काई इज पिंक एक बेहतरीन फिल्म है, जिसमें इमोशन, ड्रामा और फन की डोज है। सिर्फ एक्शन या रोमांस से अलग, इस तरह की कोई फिल्म काफी वक्त बाद आई है। आप अपनी फैमिली के साथ इसे देखने जा सकते हैं। 

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