- कविता कौशिक ने 'एफआईआर' सीरियल में अहम रोल निभाया था
- उन्होंने सीरियल में इंस्पेक्टर चंद्रमुखी चौटाला का भूमिका निभाई थी
- कविता को इस सीरियल के जरिए घर-घर में पहचान मिली थी
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिर से नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) का मुद्दा गरमा गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स कई बॉलीवुड सेलेब्स और स्टारकिड्स को निशाना बना रहे हैं। हालांकि, टीवी की मशहूर एक्ट्रेस कविता कौशिक स्टारकिड्स को निशाना बनाए जाने से सहमत नहीं हैं। 'एफआईआर' सीरियल में इंस्पेक्टर चंद्रमुखी चौटाला का किरदार निभाने वाली कविता का कहना है कि नेपोटिज्म के अलावा भी एक्टर्स को कई तरह से परेशान किया जाता है। उन्होंने टेलीविजन इंडस्ट्री के काले सच पर खुलकर अपनी बात रखी है।
उन्होंने बताया कि कैसे 'एफआईआर' के मेकर्स उन्हें कहीं और हरियाणवी पुलिसकर्मी का रोल नहीं करने दे रहे। साथ ही मुकदमे की धमकी भी दे रहे हैं।
कविता कौशिक ने अपने आधिकारी ट्विटर अकाउंड पर लिखा कि कल मुझे याद दिलाया गया कि अगर मैंने हरियाणवी पुलिसकर्मी का रोल रिपीट किया तो मुझपर मुकदमा दायर कर दिया जाएगा जबकि चैनल 5 साल पहले ही शो को बंद कर चुका है। दर्शकों के बार-बार मांग करने के बावजूद भी शो को दोबारा शूरू नहीं किया गया। आप सिर्फ मूवी माफिया की ही बात करते हैं। क्यूट!
कविता ने अगले ट्वीट में कहा कि जब मैंने बताया कि मैं हरियाणवी लेडी कॉप बनाम पंजाबी मेल कॉप के कॉन्सेप्ट पर एक फिल्म करने की प्लानिंग कर रही हूं तो मुझे साफतौर पर यह (मुकदमा) जवाब दिया गया। इसके बाद उन्हें याद दिलाया कि कैसे मैंने उनके मराठी पुलिसकर्मी के आइडिए को बदलकर हरियाणवी पुलिसकर्मी चंद्रमुखी का आइडिया दिया था। इतना सुनकर उन्होंने कहा कि तब आपको उसके लिए पैसे दिए गए थे।
उन्होंने अंतिम ट्वीट में नेपोटिज्म समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा कि एक्टर्स को सिर्फ नेपोटिज्म ही नहीं और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चैनल और प्रॉड्यूसर रॉयलटी एन्जॉय करते हैं। साथ ही एक्टर्स और टेक्नीशियंस द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट के राइट्स का भी मसला है। इसके अलावा बदनाम करने की ताकत और कॉन्ट्रैक्ट्स का जाल समेत और भी अनेक समस्याएं हैं। करने हैं। स्टारकिड्स पर ख्वाहमख्वाह हमला करने की बजाए असली बुराइयों से लड़िए।