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KBC 14: निखत जरीन की बॉक्सिंग के लिए पिता ने छोड़ दी थी नौकरी, घर गिरवी रखकर उठाया डाइट का खर्च

Updated Sep 05, 2022 | 23:25 IST

Kaun Banega Crorepati 14 Nikhat Zareen and Mirabai Chanu: कौन बनेगा करोड़पति 14 में हॉटसीट पर मीराबाई चानू और निखत जरीन बैठी थीं। निखत ने बताया कि उनकी बॉक्सिंग के लिए कैसे उनके पिता ने छोड़ दी थी अपनी नौकरी।

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Nikhat Zareen
मुख्य बातें
  • कौन बनेगा करोड़पति 14 में निखत जरीन और मीराबाई चानू हॉटसीट पर बैठी थीं।
  • निखत जरीन ने बताया कि उनके पिता ने हर कदम में उनका सपोर्ट किया।
  • निखत जरीन के मुताबिक उनके पिता ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी।

Kaun Banega Crorepati 14 Nikhat Zareen and Mirabai Chanu: कौन बनेगा करोड़पति 14 के सोमवार (पांच सितंबर ) के एपिसोड में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाने वालीं महिला बॉक्सर निखत जरीन और वेटलिफ्टर मीराबाई चानू हॉटसीट पर बैठी थीं। निखत जरीन और मीराबाई चानू ने शो से 25 लाख रुपए जीतकर गई हैं। शो में दोनों ही स्वर्ण पदक विजेताओं ने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कई बातें शेयर की। निखत जरीन ने बताया कि उनके परिवार ने उनका काफी सपोर्ट किया। निखत जरीन ने बताया कि उनके पिता ने बेटी की ट्रेनिंग के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी।

निखत जरीन शो में अपने माता और पिता के साथ आई थीं। निखत ने कहा, 'मैंने जितने भी मेडल जीते आज तक उसमें मुझसे ज्यादा मेरे पिता हकदार हैं। मैं जिस समुदाय, समाज से आती हूं वहां पर लड़कियों को ऐसे खेलों में आना और अपना नाम कमाना जहां पहले से ही मर्दों का दबदबा है, मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। मैंने केवल बॉक्सिंग रिंग में लड़ाई की है लेकिन, रियल लाइफ में मेरे पिता ने फाइट की है। उनसे लोग कहते थे कि कहां अपनी बेटी को बॉक्सिंग में डाल रहे हो, मार लग जाएगा। आपकी पहले ही चार बेटियां हैं, बड़ी बेटियों के लिए रिश्ता आना बंद हो जाएगा। मेरे पापा ने किसी की नहीं सुनी।'

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छोड़ दी थी नौकरी
निखत आगे कहती हैं, 'मुझे बॉक्सिंग में सपोर्ट करने के लिए मेरे पिता ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी। हमारे घर में आर्थिक तंगी चल रही थी लेकिन, मेरे पेरेंट्स ने कभी नहीं कहा कि हम आपकी बॉक्सिंग का खर्चा नहीं उठा सकते हैं। उन्होंने घर भी गिरवी रखकर मुझे कॉम्पिटिशन में ट्रैवल, सप्लीमेंट और डाइट के खर्चे होते थे, उसे उठाया है। मैं जब मेडल जीतकर आती थी तो स्पोर्ट्स अथॉरिटी और फेडरेशन ने आर्थिक मदद मांगने के लिए उनकी चप्पलें घिस गई है। मुझे लगता था कि हमें इनसे मदद के लिए इतने चक्कर लगाने पड़ते हैं। एक दिन ऐसा आएगा जब मैं मेडल लाऊंगी तो यही लोग मेरे पास आएंगे।'

निखत जरीन के मुताबिक उनके पिता उनसे हमेशा कहा करते थे कि, 'बेटा आप हमेशा ही बॉक्सिंग पर ही अपना फोकस रखना बाकी जिस दिन आप मेडल जीतोगे तो यही लोग आपके पास फोटो खिंचाने के लिए आएंगे।' 

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