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Mahabharat Facts: महाभारत के युद्ध में सिरदर्द बन गए थे 'बिजली के खंभे', सैनिकों ने मुफ्त में किया था काम

Updated Apr 25, 2020 | 14:26 IST

Mahabharat Unknown Facts: महाभारत सीरियल की शूटिंग के दौरान कई दिलचस्प किस्से हैं। इस सीरियल की शूटिंग के दौरान बीआर चोपड़ा को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था।

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Mahabharat
मुख्य बातें
  • महाभारत के युद्ध की शूटिंग के लिए बी.आर.चोपड़ा मुंबई में ही लोकेशन ढूंढ रहे थे।
  • बी.आर.चोपड़ा महाभारत के युद्ध को ग्रैंड बनाना चाहते थे।
  • युद्ध की शूटिंग में बिजली के खंभे सबसे बड़ी समस्या थी। 

मुंबई. दूरदर्शन पर रामायण के साथ-साथ महाभारत को जबरदस्त टीआरपी मिल रही है। साल 1988 में आए बी.आर. चोपड़ा के इस सीरियल की शूटिंग के किस्से भी काफी पॉपुलर हैं। इस शो में सबसे अहम था महाभारत का युद्ध। इस युद्ध की शूटिंग के दौरान कई परेशानी का सामना करना पड़ा था। खासकर बिजली के खंभे सबसे बड़ी समस्या थी। 

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक महाभारत के युद्ध की शूटिंग के लिए बी.आर.चोपड़ा मुंबई में ही लोकेशन ढूंढ रहे थे। वह इस महाभारत के युद्ध को ग्रैंड बनाना चाहते थे। हालांकि, हर जगह बिजली की खंभों की दिक्कत आती थी। 

बी.आर.चोपड़ा जब ट्राइल ले रहे थे तो हर बार फ्रेम में ये बिजली के खंभे आ जा रहे थे। दरअसल महाभारत काल में बिजली नहीं थी। बी.आर. चोपड़ा की तलाश जयपुर में जाकर खत्म हुई थी। जयपुर के पास उन्हें ये मैदान मिल गया था।        

स्थानीय लोग थे सैनिक 
महाभारत के युद्ध को ग्रैंड बनाने के लिए काफी ज्यादा सैनिकों की जरूरत थी। ऐसे में सबसे बड़ा चैलेंज था कि कलाकारों को जमा करना। हालांकि, टीवी पर इसकी पॉपुलेरिटी काफी ज्यादा थी। ऐसे में स्थानीय लोगों ने इसमें भाग लिया था। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक कई स्थानीय कलाकारों ने इसके लिए पैसे भी नहीं लिए थे। आपको बता दें कि महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला था। ऐसे में इसके एक एपिसोड की शूटिंग 12-12 घंटे तक चलती थी।

हर रोज 2000 सेकंड तक बढ़े विज्ञापन
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक बार्क ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के पहले से तुलना करें तो कुल मिलाकर टीवी देखने में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 11-17 अप्रैल के दौरान 1,240 अरब मिनट की टीवी सामग्री का उपयोग किया गया।

परिषद ने कहा कि भारत के लगभग आधे लोग रोजाना टीवी देख रहे हैं, जबकि पहले ये आंकड़ा 32 प्रतिशत था। आंकड़ों के मुताबिक मार्च के अंत में रामायण की शुरुआत तीन विज्ञापनदाताओं के साथ हुई थी और इस समय उसके पास प्रतिदिन करीब 42 विज्ञापनदाता हैं। इसी तरह महाभारत के लिए करीब 25 विज्ञापनदाता हैं।

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