- रामायण के डायरेक्टर रामानंद सागर अब इस दुनिया में नहीं हैं।
- रामानंद सागर एक वक्त टीबी के मरीज थे।
- रामानंद सागर ने मरने से पहले एक डायरी भी लिखी थी।
मुंबई. दूरदर्शन पर रामायण टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। हालांकि, इस सीरियल के डायरेक्टर रामानंद सागर अब इस दुनिया में नहीं हैं। रामानंद सागर एक वक्त टीबी के मरीज थे। यही नहीं, उन्होंने मौत से पहले एक डायरी भी लिखी थी।
रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने पिता से जुड़ा ये किस्सा शेयर किया था। बकौल प्रेम सागर- 'मेरे पिता को पढ़ने-लिखने काकाफी शौक था। एक दिन रात को उन्हें अचानक खांसी आई। थोड़ी देर बाद देखा तो कपड़ों पर खून लगा हुआ था।'
प्रेम सागर कहते हैं- 'हमने जब अपने फैमिली डॉक्टर को बुलाया तो उन्होंने जांच की। इसमें पता चला कि उन्हें टीबी है। इसके बाद उन्हें सेनिटोरियम में भर्ती करा दिया गया था। टीबी के मरीज अस्पताल में जाते जिंदा थे, लेकिन उनकी लाश वापस आती थी।
कपल से मिला डायरी लिखने का आइडिया
प्रेम सागर ने बताया कि उनके पिता को डायरी लिखने का आइडिया उसी अस्पताल में एक कपल के जरिए आया। ये कपल स्वस्थ होकर वहां से निकलकर बाहर आए थे। पिताजी को एहसास हुआ कि प्यार किसी भी बीमारी को हरा सकता है। ऐसे में उन्होंने डायरी लिखना शुरू कर दिया।
प्रेम सागर ने बताया कि उनकी डायरी का नाम था- 'मौत के बिस्तर से टीबी पेशेंट की डायरी।' पिताजी ने अपनी डायरी को लिखकर अखबार के एडिटर को भेजना शुरू कर दिया था। एक एडिटर काफी इंप्रेस थे कि आदमी मर रह है और जीने की बात कर रहा है।' इसके बाद उनका कॉलम छपने लगा।
दूरदर्शन ऑफिस के काटे थे चक्कर
रामायण के लिए रामानंद सागर को दूरदर्शन ऑफिस के कई चक्कर लगाने पड़े थे। रामायण के प्रसारण की अनुमति को 1985 में ही मिल गई थी लेकिन सभी पहले धार्मिक शो को लेकर कई चीजें तय नहीं कर पा रहे थे।
रामायण शो का रामानंद सागर ने जब पहला पायलट एपिसोड बनाकर दिया तो इसे रिजेक्ट कर दिया गया। दूसरे पायलट एपिसोड में स्टारकास्ट के आउटफिट को लेकर काफी सवाल उठाए गए। क्योंकि रामायण सीधा आमजन की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ शो था।