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जन्म से ही नेत्रहीन थे रामायण को हिट बनाने वाले संगीतकार Ravindra Jain, कभी मंदिरों में गाया करते थे भजन

Updated Jul 29, 2020 | 15:16 IST

Ramayan Singer Ravindra Jain Facts: रामायण का म्यूजिक दिग्गज संगीतकार-राइटर और प्लेबैक सिंगर रविंद्र जैन ने तैयार किया था। मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे रविंद्र जैन के 7 भाई-बहन थे...

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टीवी शो रामायण।
मुख्य बातें
  • रामायण के हर एपिसोड दोहा और चौपाइयों को संगीत के जरिए बखूबी पेश किया।
  • रामायण को मोस्ट पॉपुलर शो बनाने में एक अहम भूमिका शो के म्यूजिक ने भी निभाई। 
  • रामायण का म्यूजिक दिग्गज संगीतकार-राइटर और प्लेबैक सिंगर रविंद्र जैन ने तैयार किया था।

जब भी बात रामानंद सागर(Ramanand Sagar) की रामायण(Ramayan) की होती है तो सबसे पहले जहन में शो का जबरदस्त डायरेक्शन आता है। रामायण की कास्टिंग, शूटिंग लोकेशन, डायलॉग और संगीत का इसमें बेहद खास ख्याल रखा गया था। अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी, दारा सिंह के टीवी शो रामायण में बैकग्राउंड म्यूजिक और गानों का बेहद महत्व रहा। रामानंद सागर ने रामायण के हर एपिसोड दोहा और चौपाइयों को संगीत के जरिए बखूबी पेश किया। कहीं ना कहीं इसने भी रामायण को मोस्ट पॉपुलर शो बनाने में एक अहम भूमिका निभाई। 

रामायण का म्यूजिक दिग्गज संगीतकार-राइटर और प्लेबैक सिंगर रविंद्र जैन(Ravindra Jain) ने तैयार किया था। 70s से 20s के दौर में रविंद्र जैन एक पॉपुलर म्यूजिशियन बनकर उभरे। मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे रविंद्र जैन के 7 भाई-बहन थे। आपको बताते चलें रविंद्र जैन जन्म से ही नेत्रहीन थे लेकिन वो दिल से गाया करते थे। 

शुरुआत में वो जैन कवियों के गाए जैन भजन मंदिरों में गाया करते थे। जिसके बाद रविंद्र जैन के माता-पिता ने उन्हें सिंगिंग में शिक्षा दिलाने का विचार किया। उन्होंने पंडित जी.एल.जैन, पंडित जनार्दन शर्मा और पंडित नाथू राम से सिंगिंग की ट्रेनिंग ली। हालांकि यह सिर्फ शुरुआत थी क्योंकि संगीत से प्यार उन्हें कलकत्ता और मुंबई ले गया। वो पृथ्वीभट्ट भट्टाचार्य के साथ मुंबई आए थे और उन्होंने क्रांति, बालिदान जैसी फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया।

राज कपूर ने दिया मौका
रवींद्र जैन के बड़े ब्रेक का क्रेडिट राज कपूर को जाता है। उनकी फिल्में राम तेरी गंगा मैली, 2 जासूस और हिना ने रवींद्र का टेलेंट उभरकर सामने आया। उन्होंने शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म विवाह में भी सबसे प्रसिद्ध संगीत दिया था।

पिता के निधन पर भी नहीं छोड़ी रिकॉर्डिंग
रवींद्र जैन को कई पुरस्कारों से नवाजा गया। बताया जाता है कि वो अपने प्रोफेशन के प्रति बेहद ईमानदारी के लिए जीने जाते थे। जब रवींद्र जैन के पिता का निधन हुआ था तो वो फिल्म सौदागर के लिए रिकॉर्डिंग कर रहे थे। हालांकि रवींद्र ने स्टूडियो को तब तक नहीं छोड़ा जब तक कि उन्होंने रिकॉर्डिंग समाप्त नहीं कर दी। काम करने के बाद रवींद्र अपने पिता के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। 


पद्मश्री से सम्मानित हो चुके रविंद्र जैन
रविंद्र जैन कई लोगों के लिए इंस्पिरेशन बने। उन्होंने अपनी फिजिकल कमियों के बाद भी म्यूजिक वर्ल्ड में एक खास पहचान बनाई। इतना ही नहीं रविंद्र जैन संगीत जगत में बहुत बड़ा नाम थे लोग आज भी बड़े अदब के साथ उनका नाम लेते थे। रविंद्र जैन ने ब्लॉकबस्टर फिल्म राम तेरी गंगा मैली, चितचोर, अखियों के झरोखे से, गीत गाता चल और विवाह में यादगार संगीत दिया। साल 2015 में रविंद्र जैन को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। हालांकि इसी साल मल्टीपल ऑर्गन फेल होने से उनका मुंबई के लीलावती अस्पताल में निधन हो गया था। 

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