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Faridabad: बैंक से ही सीखा फर्जीवाड़ा, फिर बना ठग गैंग का मास्टरमाइंड, यूं करता था ठगी, 5 गिरफ्तार

Updated Aug 02, 2022 | 21:28 IST

Faridabad News: फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी कागजतों के सहारे बैंक से लोन पर वाहन खरीदता और फिर उसे बेच देता। ये आरोपी अब तक इस तरह से आठ कार और एक बाइक का लोन करा कर बेच चुके हैं। पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्‍यों को गिरफ्तार किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
बैंक के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • आरोपी मजबूरों के आईडी कार्ड से तैयार करते थे फर्जी कागजात
  • गिरोह का मास्‍टर माइंड पहले बैंक के लोन डिपार्टमेंट में करता था काम
  • पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जब्‍त की तीन कार, एक बाइक

Faridabad News: फरीदाबाद में फर्जी कागजातों के सहारे धोखाधड़ी कर बैंक से कार लोन करवाने का मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच-85 की टीम ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसके पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपितों की पहचान सतेंद्र, जितेंद्र, हरसिमरत, राहुल व आरिफ के तौर पर की है। इसमें से राहुल यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है, वहीं अन्‍य सभी आरोपित फरीदाबाद जिले के हैं। आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने तीन कार, एक बुलेट बाइक और 3.88 लाख रुपये बरामद किए हैं। इसके अलावा आरोपियों के कब्जे से पांच कार की बरामदगी अभी बाकी है। सभी आरोपितों से पूछताछ करने के लिए अदालत में पेश कर इन्हें को चार दिन की रिमांड पर लिया गया।

क्राइम ब्रांच प्रभारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि, उपनिरीक्षक भूपेंद्र की अगुवाई में एक टीम ने 25 जुलाई को आरोपित सतेंद्र को कार के साथ गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने इस गिरोह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, यह कार उसने फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर बैंक से लोन पर ली है। जिसके बाद आरोपितों के खिलाफ बीपीटीपी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर इस गिरोह की जांच शुरू की गई। इन आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि ये आरोपित दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों के आधार कार्ड से फर्जी कागजात तैयार करते थे। फिर, उसी कागजात को बैंक में जमा कराकर लोन पर गाड़ियां खरीद लेते। बाद में उस गाड़ी को बिना कागजी कार्रवाई के बेच देते थे।

आठ कार और बाइक को लोन पर निकाल बेच चुके आरोपी

प्रभारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि, इस गिरोह का मुखिया जितेंद्र है। यह आरोपी पहले बैंक में लोन डिपार्टमेंट में काम करता था। जहां पर इसने फर्जीवाड़ा कर लोन पर कार खरीदने का तरीका सीखा। जिसके बाद नौकरी छोड़ इसने फर्जीवाड़ा का गिरोह तैयार किया। ये आरोपित पहले मजदूरी करने वाले किसी व्यक्ति के आधार कार्ड में उसका पता बदलकर फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाते और फिर उसी बैंक अकाउंट के माध्यम से लोन पर कार खरीदते थे। इसके बाद आरोपी राहुल इन कारों को बेचने का कार्य करता। ये आरोपी पिछले दो सालों में इसी तरह से फर्जीवाड़ा करके आठ गाड़ियां और एक मोटरसाइकिल खरीद कर बेच चुके हैं।