- ठग बेरोजगारों से ठगी के लिए अपनाते थे पूरा जॉब प्रोसेस
- गिरोह के सभी सदस्य आपस में थे एक दूसरे के रिश्तेदार
- गिरोह के सभी सदस्य ठगी में निभाते थे अलग-अलग रोल
Faridabad News: बधाई हो...आपका सेलेक्शन पायलट या कर्मचारी के तौर पर हो चुका है। अपॉइंटमेंट लेटर आपको कुरियर कर दिया गया है। जल्द ही ज्वाइनिंग प्रोसेस शुरू हो जाएगा। इस एक फोन कॉल से बेरोजगार युवा फूले नहीं समाते थे। इस तरह के फोन कॉल के बाद कई ने तो रिश्तेदारों व मित्रों में मिठाई तक बंटवा दी। इस फोन कॉल और अपॉइंटमेंट लेटर से बेरोजगार युवाओं व उनके परिजनों का भरोसा जीत चुके ठग इसके बाद शुरू करते ठगी का असली खेल। रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्यॉरिटी चार्ज, ट्रेनिंग खर्च, मेडिकल जैसी अगल-अलग बातों को लेकर ठग इनसे अपने खाते में पैसे ट्रांसफर कराते रहते है। युवा भी इस भरोसे में पैसे भेजते रहते कि जल्द ही ट्रेनिंग के लिए उनका बुलावा आएगा। लेकिन कुछ दिनों बाद ही ये मोबाइल नंबर बंद हो जाते। निजी एयरलाइंस में अच्छी जॉब का झांसा देकर ठगी करने वाले इस गिरोह का भंडाफोड़ साइबर थाना एनआईटी की टीम ने किया है।
पुलिस ने गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया हुआ है। इन आरोपियों से पूछताछ में कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जिससे पुलिस भी चौक गई। ठगों ने बताया कि इस गिरोह में कुल 12 लोग शामिल थे। ठगी के इस खेल में सभी के अलग-अलग रोल थे। सभी अपने रोल के हिसाब से ही कार्य करते थे। अब पुलिस बाकि सदस्यों की भी तलाश में छापेमारी कर रही है। डीसीपी हेडक्वॉर्टर नितीश अग्रवाल ने बताया कि, सभी आरोपी दिल्ली के विपिन्न गार्डन के पास रह रहे थे। इनमें यूपी के जालौना जिला निवासी दीपक सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, मानवेंद्र सिंह, सत्यम सिंह, विनीत सिंह व अजीत सिंह, शिवम सिंह हैं। इसके अलावा मैनपुरी का मोहित और औरेया का रजत है। इस गिरोह की सबसे खासबात यह कि इसमें शामिल ज्यादातर ठग आपस में एक दूसरे के रिश्तेदार हैं।
बड़ी एयरलाइंस कंपनी के नाम पर बनाते अपना शिकार
बता दें कि पुलिस ने इन आरोपियों को फरीदाबाद के एक युवक से करीब 7 लाख रुपये ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों से अभी पूछताछ चल रही है। साइबर थाना इंस्पेक्टर बसंत ने बताया कि, इस गिरोह का मास्टरमाइंड दीपक सिंह, मानवेंद्र सिंह व अजीत सिंह हैं। यही ठगी का पूरा प्लान तैयार करते थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, अब तक इस गिरोह ने 300 से भी ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है। ये नौकरी दिलाने वाली वेबसाइट से बेरोजगार युवकों की डाटा खरीदते। उसके बाद फोन कर उन्हें बड़ी एयरलाइंस में पायलट, एयर होस्टेस या ग्राउंड स्टाफ के रूप में अप्लाई करने को कहते। इसके बाद बकायदा इंटरव्यू व अन्य सभी प्रोसेस को पूरा किया जाता था।