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Faridabad Crime: घर में बना रखा था जुआ घर, ऑनलाइन कसीनो खेलते पांच गिरफ्तार, लाखों रुपये बरामद

Updated Jul 03, 2022 | 19:51 IST

Faridabad Crime: क्राइम ब्रांच सेक्‍टर-17 की टीम ने एनआईटी-एक स्थित एक घर में छापा मार वहां चल रहे एक जुआ घर का पर्दाफाश किया है। यहां पर ऑनलाइन कसीनो खिलाया जा रहा था। पुलिस ने मौके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने के अलावा इनके कब्जे से तीन लैपटाप, दो कंप्यूटर और 1.10 लाख रुपये बरामद किए।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
पुलिस ने किया घर के अंदर चल रहे जुआ घर का पर्दाफाश
मुख्य बातें
  • एनआईटी-एक स्थित एक घर में चल रहा ऑनलाइन कसीनो
  • कसीनों खिलाने वाले आरोपी को मिलता था मोटा कमीशन
  • आरोपी कसीनों के साथ शराब पीने व खाने के लिए भी लेता मोटा पैसा

Faridabad Crime: फरीदाबाद शहर में एक घर के अंदर चल रहे जुआ घर का पर्दाफाश हुआ है। क्राइम ब्रांच सेक्टर-17 की टीम ने गुप्‍ता सूचना के आधार पर जब एनआईटी-एक स्थित एक घर में छापा मारा तो वहां पर ऑनलाइन कसीनो चल रहा था। जिसके बाद पुलिस टीम ने मौके पर मिले पांच आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनके कब्जे से तीन लैपटाप, दो कंप्यूटर और 1.10 लाख रुपये बरामद किए।

छापामार कार्रवाई की जानकारी देते हुए शाखा प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि वे अपनी टीम के साथ कोतवाली क्षेत्र में गश्त कर रहे थे, तभी सूचना मिली कि एनआईटी-एक में रहने वाला धीरज अपने घर के अंदर ही लोगों को ऑनलाइन कसीनो खिलाता है। जिसके बाद सूचना को पुख्‍ता करने के लिए टीम के एक सदस्‍य को वहां भेजा गया, जब जानकारी सही मिली तो टीम ने छापामार कार्रवाई कर घर के अंदर से धीरज, आलोक, अरुण, संतू और चंद्रेश को पकड़ लिया। कार्रवाई के दौरान सभी आरोपी घर के अलग-अलग कमरे में बैठकर कसीनो खेल रहे थे। सभी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

हारने और जीतने पर मिलता था कमीशन

क्राइम ब्रांच की पूछताछ में धीरज ने बताया कि वह लोगों को पीसीएम क्लाइंट नाम के एक एप के जरिए ऑनलाइन कसीनो खिलाता है। इस एप में उसने अपनी आईडी बना रखी थी। इसी आईडी के माध्‍यम से वह लोगों को कसीनों खिलाता था। उसने बताया कि कसीनो खिलाने पर उसे एप के द्वारा कमीशन मिलता था। अगर उसके आइडी से खेलने वाला कोई जीत जाए तो उसे जीत की रकम का पांच फीसदी कमीशन मिलता है। वहीं अगर कोई हार जाता तो यह कमीशन बढ़कर 20 फीसदी हो जाता था। लोगों के हार और जीत से धीरज को कोई नुकसान नहीं होता था। पुलिस ने बताया कि धीरज कसीनों खिलाने के अलावा लोगों के खाने पीने की भी व्‍यवस्‍था करता था। कसीनों खेलते हुए शराब की व्‍यवस्‍था करने पर मोटा पैसा वसूलता था।