- प्राइवेट स्कूलों में अब नहीं चलेंगी निजी प्रकाशन की पुस्तकें
- शिक्षा विभाग ने जारी किया एनसीआरटी की पुस्तकें पढ़ाने का आदेश
- आदेश न मानने वाले स्कूलों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई
Faridabad News: महंगी शिक्षा से परेशान परिजनों के लिए राहत भरी खबर है। अब प्राइवेट स्कूल भी सरकारी स्कूल की तरह पाठ्यक्रम में सिर्फ एनसीईआरटी की पुस्तके ही शामिल करेंगे। इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। यह आदेश इसी शैक्षणिक सत्र से लागू हो गए हैं। आदेश के साथ शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि आदेश की अवमानना करने वाले स्कूलों पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर विभाग की तरह से कई टीमों का गठन भी किया गया है, जो सभी स्कूलों में पहुंच कर जांच करेंगी।
जिला शिक्षा विभाग की तरफ से यह आदेश जिले के सभी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) संबद्ध स्कूलों को जारी किया गया है। आदेश में विभाग की तरफ से कहा गया है कि निजी स्कूलों में निजी विक्रेताओं की पुस्तक बेचने की शिकायत लगातार मिल रही है। ऐसे कार्यों में लिप्त स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों को सख्त हिदायत देते हुए विभाग ने कहा कि शिक्षा विभाग स्कूलों को निजी विक्रेताओं की किताब बचने की अनुमति नहीं देता है। यदि निजी स्कूलों को विद्यार्थी पढ़ाने हैं तो वह एनसीईआरटी की पुस्तकें ही पढ़ाएं। यदि नियम के विरुद्ध कोई निजी स्कूल अनैतिक कार्यों जैसे स्कूल परिसर में किताबें बेचना, निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल करता पाया गया तो इस पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विभाग के आदेश को महज कागजी कार्रवाई मान रहे अभिभावक
शिक्षा विभाग जहां आदेश जारी कर सख्त कार्रवाई करने का दावा कर रहा है, वहीं अभिभावक इस आदेश को महज कागजी कार्रवाई मान रहे हैं। इस आदेश के बाद हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा नक कहा कि इस संबंध में मंच की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को रिमाइंडर पत्र भेजा गया है। इसमें कहा है कि सभी स्कूलों में निजी विक्रेताओं की पुस्तकें खुलेआम बेची जा रही हैं। चाहे तो शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी भी स्कूल में जाकर इसकी जांच कर सकते हैं। अधिकारियों को बच्चों के बैग में ही निजी प्रकाशकों की किताबें व स्कूल का लेबल लगीं कापियां देखने को मिलेंगी।