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Faridabad News: 'आर-पार' गिरोह के खेल से सरकार को करोड़ों का नुकसान, आठवीं पास मास्‍टर माइंड चलाता था गिरोह

Updated Jun 26, 2022 | 21:38 IST

Faridabad: क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो आरटीए और खनन अधिकारियों की निगरानी करके सरकार को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व की चपत लगा रहा था। यह गिरोह मुख्‍य रूप से अधिकारियों की निगरानी करके ओवरलोड और अवैध खनन करने वाले ट्रांसपोर्टरों के लिए रास्ता बनाता था।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
अधिकारियों की निगरानी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
मुख्य बातें
  • आर-पार व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर रखी जा रही थी अधिकारियों पर नजर
  • आरोपी जानकारी देने के बदले ट्रांसपोर्टरों से वसूलता था मोटा पैसा
  • इस गिरोह में शामिल हैं 15 सदस्‍य, बाकि आरोपियों की तलाश में पुलिस

Faridabad News: आठवीं पास एक शातिर दिमाग बदमाश सालों तक पुलिस और सरकारी अधिकारियों को गच्चा देकर सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाता रहा, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। आरोपी जब पुलिस के लपेटे में आया तो उसके अपराध की कहानी सुनकर अधिकारी भी हैरान रह गए। दरअसल, आरोपी ने जिले में आरटीए और खनन अधिकारियों की निगरानी के लिए 'आर-पार' नाम से एक गिरोह बना रखा था। जिसके माध्‍यम से यह आरोपी 24 घंटे इन विभाग के अधिकारियों की निगरानी कर सरकार को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व की चपत लगा रहा था।

इस गिरोह का खुलासा करते हुए क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 प्रभारी ब्रह्मप्रकाश ने गिरोह के मास्टरमाइंड गांव पाली निवासी श्यामवीर को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह में 15 सदस्‍य शामिल हैं, जो अभी फरार हैं, इन आरोपियों को भी जल्‍द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह गिरोह मुख्‍य रूप से अधिकारियों की निगरानी करके ओवरलोड और अवैध खनन करने वाले ट्रांसपोर्टरों के लिए रास्ता बनाता था। इसके बदले में यह ट्रांसपोर्टरों से मोटा पैसा वसूल करता था।

आरोपियों ने बना रखे थे कई व्हाट्सएप ग्रुप

इस गिरोह को चलाने वाला श्‍यामवीर महज आठवीं पास है। इसने आर-पार के नाम से कई व्हाट्सएप ग्रुप बना रखे थे। जिसमें ओवरलोड और अवैध खनन सामग्री लेकर चलने वाले ट्रांसपोर्टरों को भी जोड़ा गया था। इस गिरोह से जुड़े सभी सदस्य 24 घंटे आरटीए और खनन अधिकारियों की मूवमेंट पर नजर रखते थे। अधिकारियों के ऑफिस से निकलते ही इसकी जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप पर डाल दी जाती थी। इससे ट्रांसपोर्टरों को पहले ही पता चल जाता था कि, आरटीए और खनन विभाग की टीमें कहां पर मौजूद हैं। इसके बाद ओवरलोड और अवैध खनन सामग्री से भरे ट्रक दूसरे रास्‍तों से बचकर निकल जाते थे।

अधिकारियों व कर्मचारियों की भी जांच

क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 प्रभारी ब्रह्मप्रकाश ने बताया कि, करीब 15 दिन तक टीम के साथ इस गिरोह की गतिविधियों पर नजर रख कर सबूत एकत्र किया गया। जिसके बाद इस गिरोह के मास्टरमाइंड को दबोच लिया गया। क्राइम ब्रांच के अनुसार, इस गिरोह में आरटीए व खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के शामिल होने की भी आशंका है। गिरोह का मास्टरमाइंड ट्रांसपोर्टरों को कहता था कि, उसकी विभागों में सेंटिग हैं और वह अधिकारी व कर्मचारियों को मंथली देता है। क्राइम ब्रांच ने आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम, अवैध वसूली सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।