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Ghaziabad Police: 15 लाख की लूट के पूरे मामले का पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार, मुख्‍य आरोपी फरार

Updated Jun 20, 2022 | 16:10 IST

Ghaziabad Police: गाजियाबाद में कलेक्‍शन एजेंट से हुई 15 लाख लूट के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक आरोपी अभी भी फरार है। इस लूट की साजिश एक स्‍टोर में रचि गई थी। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से लूट का पैसा बरामद कर लिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
कलेक्‍शन एजेंट लूट मामले के तीन आरोपी गिरफ्तार
मुख्य बातें
  • कलेक्‍शन एजेंट से लूट के तीन आरोपी गिरफ्तार
  • एक स्टोर में रची गई थी लूट की साजिश
  • लुटेरों को पकड़ने वाली पुलिस टीम होगी पुरस्कृत

Ghaziabad Police: इंदिरापुरम में बीते 13 जून की दोपहर में दिनदहाड़े कलेक्शन एजेंट से हुई 15 लाख की लूट मामले का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए इस लूट के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस लूट की साजिश शास्त्रीनगर स्थित एक स्टोर में रची गई थी। इसका मुख्‍य अभियुक्‍त स्टोर का एक अधिकारी है जो अभी भी फरार है। घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि, लूट के आरोपी लोनी के बागराणप गांव निवासी रितिक, बागपत के चांदीनगर निवासी सचिन और निठौरा गांव निवासी कनिष्क को गिरफ्तार करने के साथ इनके पास से लूट के 12.04 लाख रुपये, वारदात में प्रयोग की गई कार, तमंचा, दो कारतूस, डंडा, बाइक, बैग व तीन मोबाइल बरामद किए हैं। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली एसएचओ इंदिरापुरम देव पाल सिंह पुंडीर की टीम को आईजी रेंज मेरठ प्रवीण कुमार द्वारा 50 हजार और एसएसपी द्वारा 20 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

लुटेरों के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी ने बताया कि, तीनों आरोपी लोनी और बागपत बॉर्डर पर आसपास के गांव में रहने के कारण पहले से परिचित हैं। आरोपी कनिष्क गैंगस्टर जग्गू पहलवान का बेटा है। उसका भाई हत्या के आरोप में अंबेडकरनगर और चाचा सुरेंद्र पहले से ही दिल्ली की मंडोली जेल में है। कनिष्क इससे पहले भी लूट और हत्या के प्रयास में जेल जा चुका है। यह दो माह पहले ही जमानत पर छूटा था।

सेना में जाने का था ख्‍वाब, नौकरी मांगने गया तो बना दिया लुटेरा

एसएसपी ने आरोपी सचिन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, यह आरोपी सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है और अपने मामा से ब्याज पर लिए तीन लाख रुपये लौटाने के लिए नौकरी करना चाहता था। आरोपी डिलीवरी ब्वाय की नौकरी मांगने शास्त्रीनगर स्थित एक स्टोर पर कार्यरत एक दोस्त के पास गया था। दोस्त ने नौकरी के बजाय उसे लूट का ठेका देते हुए यहां से कलेक्शन करने वाले वीर बहादुर सिंह के बारे में बताया, जो दिन भर में करीब 12-15 लाख रुपये का कलेक्शन करता है। जिसके बाद तीनों ने मिलकर छह जून को रेकी की और फिर 13 जून को वीर बहादुर को इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर के पास लूटकर फरार हो गए। इस लूट में वीर बहादुर व उनकी बाइक की पहचान कराने वाला स्टोर में कार्यरत एक अफसर अभी भी फरार है।