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Ghaziabad News: क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा शातिर गिरोह, 10-15 मिनट में नकली चाबी बनाकर लूट लेते थे कार

Updated Aug 30, 2022 | 17:58 IST

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। क्राइम ब्रांच ने एक शातिर वाहन चोर गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग पिछले चार सालों से चार पहिया वाहनों की चोरी कर फरार हो जाता था। पुलिस के मुताबिक चोरी किए गए वाहनों को गैंग काटकर बेच देता था।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
नकली चाबी से कार चोरी करने वाला गिरोह पकड़ा गया
मुख्य बातें
  • गाजियाबाद क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी
  • क्राइम ब्रांच ने एक शातिर वाहन चोर गैंग का भंडाफोड़ किया
  • गैंग अब तक 1500 चार पहिया वाहनों की कर चुका है चोरी

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। क्राइम ब्रांच ने एक शातिर वाहन चोर गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग पिछले चार सालों से चार पहिया वाहनों की चोरी कर फरार हो जाता था। पुलिस के मुताबिक चोरी किए वाहनों को गैंग काटकर बेच देता था। क्राइम ब्रांच ने बताया है कि, चोरों का यह गैंग इतना शातिर है कि मात्र 10-15 मिनट के अंदर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से चाबी बनाकर कार चोरी कर लेता था। 

क्राइम ब्रांच के मुताबिक यह गैंग अब तक 1500 चार पहिया वाहनों की चोरी कर चुका है। वाहनों की चोरी करते वक्त वह 10-15 मिनट में प्रोग्रामिंग की मदद से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से चाबी बना लेते थे और कार को स्टार्ट करके ले जाते हैं। वहीं बैटरी वाली ड्रिल मशीन से कार का दरवाजा खोल लेते थे। 

पुलिस ने किए 3 करोड़ के कार के पार्ट्स बरामद

इस गैंग के सदस्य चुराए गए 1500 चार पहिया वाहनों के पुर्जे अलग-अलग करके बेच चुके हैं। पुलिस ने गैंग के पास से 70 से ज्यादा चार पहिया वाहनों के पार्ट्स बरामद किए हैं, जिनकी कीमत 3 करोड़ से ज्यादा है। आरोपियों के पहचान मुरादाबाद के नजब खान, उत्तराखंड के इरफान, हापुड़ के रवि जाटव और दिल्ली मुस्तफाबाद के अनीश अहमद के तौर पर हुई है। जबकि इस गैंग का एक साथ दिपांशु फरार है। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया है कि, इस गैंग का सरगना इरफान है। वहीं इन सभी पर दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग थानों में पहले से 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। 

इस तरह देते थे चोरी को अंजाम

अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया है कि अनीश, रवि और दीपांशु वाहन चोरी करते हैं। इसमें अनीश कार के सायरन को डि-एक्टिवेट कर देता था। वहीं रवि ड्रिल मशीन से कार का पिछला दरवाजा खोल देता था और अंदर बैठकर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस प्रोग्रामिंग की मदद से कार की चाबी बनाता था। चाबी की प्रोग्रामिंग होने के बाद यह तीनों कार स्टार्ट कर फरार हो जाते थे और सुनसान इलाके में कार खड़ी कर उसकी नंबर प्लेट बदल लेते थे। इसके बाद वह नजब खान से संपर्क करते थे उसके पास रवि कार पहुंचाता था। वह नजब खान को चोरी का पचास हजार रुपये में बेचते थे। जिन्हें वह चारों बराबर बांट लेते थे।