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Ghaziabad News: वाहन चोरी कर पत्नी को बनवाया ग्राम प्रधान, गिरोह में पूरा परिवार शामिल, 400 वाहन चोरी

Updated Sep 07, 2022 | 22:56 IST

Ghaziabad News: दिल्‍ली-एनसीआर में करीब 12 साल से चोरी कर रहे एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गाजियाबाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह अब तक 400 वाहन चोरी कर चुका है। गिरोह की खास बात यह है कि, इसमें एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पुलिस द्वारा पकड़े गए तीनों आरोपी
मुख्य बातें
  • सभी आरोपियों ने गांव में बनवा रखे है आलीशान घर
  • गिरोह में एक ही परिवार के चार सदस्‍य हैं शामिल
  • दिल्‍ली के ओखला में रहकर देते थे वाहन चोरी को अंजाम

Ghaziabad News: गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे वाहन चोर गिरोह को दबोचा है, जो पिछले 12 साल से दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय था और अब तक करीब 400 वाहन चोरी कर बेच चुका है। पुलिस ने इस गिरोह की महिला सदस्‍य समेत तीन बदमाशों को दबोचा है। इस गिरोह की खास बात यह है कि, इसमें एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। पुलिस जांच में पता चला कि इस गिरोह के एक सदस्‍य ने वाहन चोरी से आए पैसे से न केवल अपनी पत्नी को पंचायत का चुनाव लड़ा ग्राम प्रधान बना दिया, बल्कि सभी आरोपितों ने अपने गांव में तीन से चार मंजिला आलीशान मकान भी बना लिया।

इस गिरोह की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि, इन तीनों आरोपियों को पुलिस ने दिल्‍ली के लाजपत नगर से गिरफ्तार किया। उनकी पहचान गांव सैफ का सराय जिला संभल के सालिम, जमशेद और रानी के रूप में हुई है। ये सभी आरोपित दिल्ली के ओखला स्थित जनता फ्लैट में रहकर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस ने इनके पास से चोरी की एक कार और 1800 नशीली गोलियां बरामद की है।

पुराने वाहनों का नंबर करते थे उपयोग

इस गिरोह का सरगना गुलजार है, वहीं रानी इसकी पत्‍नी। पूछताछ में पता चला कि गिरोह में कई अन्‍य सदस्‍य भी शामिल हैं। गिरोह में गुलजार का भाई जमशेद, चाचा साबुल भी शामिल हैं। इसके अलावा गिरोह में गांव का प्रधान पति बब्बू भी शामिल है। बब्बू ने चोरी के पैसे से ही गांव में अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया था। पत्नी के चुनाव जीतने के बाद भी वह चोरी करता रहा। पुलिस सभी फरार आरोपितों की तलाश में जुट गई है। साहिबाबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रदीप त्रिपाठी ने बताया कि, ये आरोपित चोरी के वाहनों पर 10 साल पुराने वाहनों के नंबर को इस्तेमाल करते थे। फिर इन गाड़ियों को बंगाल व झारखंड में बेचते थे। क्योंकि वहां पर 10 साल पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध नहीं है। पूछताछ में पता चला कि, इन आरोपितों ने हाल ही में गाजियाबाद से पांच 6 कार चोरी की थी। आरोपित वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनवा कर बेच देते थे।