- गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहा टीबी संक्रमित मरीजों का ग्राफ
- पिछले 3 साल में हो चुकी 1299 टीबी संक्रमित मरीजों की मौत
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को नहीं मिल पा रहा सही इलाज
TB patients in Ghaziabad: गाजियाबाद में प्रदूषण के साथ-साथ टीबी के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। यह औद्योगिक शहर प्रदूषण के मामले में जहां विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है, वहीं टीबी संक्रमण से संक्रमित मरीजों ने कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या को पीछे छोड़ दिया है। यहां के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में पता चला है कि, इस संक्रमण से बुजुर्गों के अलावा युवा और बच्चे भी संक्रमित हैं।
गाजियाबाद में तीन जिलों के लिए टीबी अस्पताल स्थापित किया गया है। साथ ही टीबी रोकथाम के लिए कई टीमों का गठन भी हुआ है। हालांकि यह टीमें सही से कार्य नहीं कर रही, जिसके कारण ही जिले में विगत तीन वर्ष के अंदर 46,491 टीबी संक्रमित मरीज मिले। इनमें से 1,299 टीबी के गंभीर मरीजों की मौत हो गई। वहीं पिछले दो साल के अंदर इस जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या 473 और टीबी के कारण 934 लोगों की मौत हुई है।
संक्रमण की नहीं हो पा रही जांच
जिले में टीबी के संक्रमण के रोकथाम के लिए 12 सुपरवाइजर और 16 डाट्स सेंटर खोले गए हैं, लेकिन यहां पर संक्रमण का सही से जांच नहीं हो पा रहा है। वहीं टीबी अस्पताल के वार्ड में पूरा इंतजाम न होने के कारण गंभीर मरीजों को भी भर्ती नहीं किया जा रहा है। इन मरीजों का इलाज करने के उलट जिम्मेदार अधिकारी संक्रमण के आंकड़ों को छुपाने में लगे हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आरके यादव ने बताया कि टीबी के अधिकांश मौत नियमित दवा न लेने और परहेज न करने पर होती है। कोरोना काल में स्टाफ की ड्यूटी कोविड में लग जाने की वजह से टीबी रोगियों की निगरानी एवं जांच प्रभावित हुई है। चार हजार टीबी संक्रमित बच्चों और महिलाओं को गोद लेने की तैयारी है।
जानें, क्या हैं टीबी के लक्षण
- तीन सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना
- थूक में या खांसी के समय कभी-कभी खून आना
- रात के समय बुखार आना
- लगातार वजन कम होना
- भूख न लगना या भूख में कमी आना