- प्रशासन शहर की ऊंची इमारतों को बनाएगा सुरक्षित
- डीसी ने प्लान तैयार करने के लिए गठित की टीम
- स्ट्रक्चरल सेफ्टी में किया जाएगा सुधार
Structural Audit Team : शहर की ऊंची इमारतों को सुरक्षित बनाने के लिए अब स्ट्रक्चरल आडिट टीम गठित की जाएगी। इस संबंध में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में इमारतों के ढांचे संबंधी शिकायतों और समस्याओं के निवारण के साथ-साथ भविष्य में चिटेल्स पैराडिसो जैसी घटनों पर रोक लगाने को लेकर चर्चा की गई। डीसी ने बैठक में बताया कि, निर्माण संबंधी शिकायतों को लेकर अगले 10 दिन के भीतर स्ट्रक्चरल आडिट के लिए टीम गठित कर दी जाएगी।
स्ट्रक्चरल सेफ्टी को लेकर उठाए जाने वाले बिंदुओं पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञों से इस बारे में अपने सुझाव दो दिन में जिला प्रशासन को भेजने के लिए कहा है। बात दें कि, दो साल में 60 कॉलोनियों से मिली शिकायतों के बाद स्ट्रक्चरल आडिट के लिए कार्ययोजना का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।
विशेषज्ञों व स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर बनाया जा रहा प्लान
ऊंची इमारतों में सुरक्षा पर चर्चा करते हुए डीसी ने कहा कि, इन इमारतों में रहने वाले लोग उनके स्ट्रक्चर को लेकर सुरक्षित महसूस करें, इसलिए प्रशासन प्लान बनाने में जुटा है। सरकार द्वारा इस संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों के निवारण के लिए स्ट्रक्चरल आडिट को लेकर अनुभवी विशेषज्ञों तथा स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर स्थायी समाधान खोजने की दिशा में काम किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा इसके लिए नीति भी बनाई जा रही है। इसे तैयार करने से पूर्व इससे जुड़े हितधारकों और विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित कर सके।
तीन हिस्सों में बांटी शिकायतें
बता दें कि, चिटेल्स पैराडिसो में हुए हादसे के बाद ग्रुप हाउसिंग सोसायटी तथा आरडब्ल्यूए के सदस्यों द्वारा ऊंची इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट का मुद्दा उठाया गया है। डीसी ने कहा कि, ऐसे में जरूरी है कि, इन शिकायतों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटते हुए इनके समाधान के लिए बेहतर प्लान बनाया जाए। हालांकि इनमें से ज्यादातर शिकायतें इमारत के ढांचे से संबंधित हैं, लेकिन इन शिकायतों को माडरेट, सीवियर तथा क्रिटिकल स्तर में बांटते हुए काम किया जाना आवश्यक है। स्ट्रक्चरल आडिट में आने वाले खर्चे को बांटा जाना जरूरी है। इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे डेवपलर्स और आवंटियों में तालमेल स्थापित कर काम किया जा सके।