- जिले के सभी खाली पड़ी सरकारी जमीनें होंगी लैंड बैंक में शामिल
- राजस्व विभाग को दिए गए सभी जमीनों की रिकॉर्ड तैयार करने का निर्देश
- लैंड बैंक के लिए आम लोग भी सरकार को बेच सकेंगे अपनी जमीन
Gurugram Land Bank: जिले में सरकार की तरफ से की जाने वाली विकास परियोजनाओं के लिए आसानी से और जल्दी सरकारी जमीन उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन लैंड बैंक तैयार करने जा रहा है। इस योजना के तहत जिले के सभी सरकारी विभाग व पंचायत की खाली पड़ी जमीनों का डाटा तैयार कर इन्हें लैंड बैंक योजना में शामिल किया जाएगा। जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल किसी निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराई जा सके। इस संबंध में जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को जिले के सभी गांवों, नगर पालिकाओं, परिषदों, निगमों सहित सभी विभागों की जमीन का डेटा एकत्रित करने का निर्देश दिया है।
लैंड बैंक को लेकर आयोजित अधिकारियों की बैठक में उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि, जिले में आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं की स्थापना के लिए लैंड बैंक नीति पर कार्य किया जा रहा है। इस योजना के लिए सभी अधिकारियों को एक माह के अंदर जमीनों का रिकॉर्ड तैयार करना होगा। वहीं बैठक में उपायुक्त ने लैंड बैंक का डेटा बनाने के लिए गुरुग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। उपायुक्त ने एसडीएम ने कहा कि, अब वे यह सुनिश्चित करें कि अगले 15 दिनों में जिले की उन सभी ग्राम पंचायतों की ऐसी भूमि पर कब्जा लिया जाए जो सभी तरह के मुकदमों से मुक्त हो।
आम लोगों से भी खरीदी जाएगी जमीन
प्रशासन की इस योजना से आम लोगों को भी फायदा होगा। उपायुक्त ने बताया कि, प्रदेश सरकार की लैंड बैंक नीति में आम लोग भी अपनी जमीन सरकार को बेंच सकते हैं। इससे जहां लोगों को सरकार की तरफ से जमीन का सही रेट मिलेगा, वहीं सरकार को भी विकास कार्यों के लिए आसानी से जमीन भी उपलब्ध हो पाएगी। उन्होंने कहा कि, अकसर देखा जाता है कि, भूमि स्वामी, खास तौर वे जो विदेशों में रहते हैं बिचौलियों के दबाव में आकर या मजबूरी वश अपनी जमीन बाजार भाव से कम में बेंच देते हैं, ऐसे लोग सरकार को अपनी जमीन बेंच कर जमीन की पूरी कीमत हासिल कर सकते हैं। जिला उपायुक्त ने निशांत यादव ने लैंड बैंक की कार्यशैली की जानकारी देते हुए बताया कि, इस लैंड बैंक में शामिल की गई जमीनों पर जलघर, बिजली सब-स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज व अस्पताल एवं पॉलिटेक्निक जैसे सरकारी व आवश्यक सेवाओं से जुड़ी विकास परियोजनों को स्थापित किया जाएगा। ये कार्य जिस गांव में होंगे, वहां के लोगों को भी इससे फायदा मिलेगा।