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Gurugram GST fraud: जीएसटी में 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, सीजीएसटी विभाग के उपायुक्त और अधीक्षक सस्‍पेंड

Updated May 24, 2022 | 13:31 IST

Gurugram GST fraud: गुरुग्राम में फर्जी बिलों के आधार पर 15 करोड़ रुपये का रिफंड मामले में दो उच्‍च अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विभाग के उपायुक्त दिनेश बिश्नोई और अधीक्षक संजीव शर्मा को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट की जमानत अर्जी भी खारिज हो गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
जीएसटी फ्राड में सीजीएसटी के उपायुक्‍त और अधीक्षक हुए निलंबित
मुख्य बातें
  • सीजीएसटी के उपायुक्‍त और अधीक्षक हुए निलंबित
  • केंद्रीय वित्त मंत्री के निर्देश पर की गई यह कार्रवाई
  • गिरफ्तार चार्टर्ड अकाउंटेंट की जमानत अर्जी भी खारिज

Gurugram GST fraud: गुरुग्राम में फर्जी बिलों के आधार पर 15 करोड़ रुपये का रिफंड जारी करने का मामला अभी ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है। अब इस मामले में अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सख्‍त निर्देश के बाद केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विभाग के उपायुक्त दिनेश बिश्नोई और अधीक्षक संजीव शर्मा को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ इस मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों चार्टर्ड एकाउंटेंट की जमानत अर्जी जिला अदालत ने खारिज कर दी है।

बता दें कि, गुरुग्राम में जीएसटी रिफंड के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कुछ महीने पहले जिले के चार-पांच कारोबारियों ने बिना कारोबार किए फर्जी बिलों के आधार पर 15 करोड़ रुपये का रिफंड विभाग से हासिल कर लिया। इस फर्जीवाड़े की शिकायत किसी व्यक्ति द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्रालय को की गई, जिसके बाद हुई जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इस मामले में अभी तक कारोबारियों के कागजात को सर्टिफाइड करने वाले सीए सुनील और गौरव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट बैठे हैं धरने पर

इन दोनों सीए की गिरफ्तारी के विरोध में द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (गुरुग्राम चैप्टर) की ओर से विभागीय कार्यालय के सामने धरना दिया जा रहा है। धरनास्थल पर बैठे चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कैंडल जलाकर भी सीए की गिरफ्तारी का विरोध जताया। एसोसिएशन का आरोप है कि, इस गड़बड़झाले के मुख्‍य आरोपी अधिकारी और कारोबारी हैं। सीए का काम केवल कागजात को सर्टिफाइड करना है। वहीं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, सीए और कारोबारियों ने मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। हालांकि अब दो उच्‍च अधिकारियों के निलंबन से यह साफ हो गया है कि, इस फर्जीवाड़े में अधिकारियों का भी सहयोग था। वहीं दूसरी तरफ विभाग की तरफ से जांच जारी है। अब रिफंड हासिल करने वाले कारोबारियों की भी पहचान शुरू कर उन पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।