- इमारतों के निर्माण के समय जरूरी हैं स्ट्रक्चरल सेफ्टी गाइडलाइंस
- आवासीय इमारतों के निर्माण के समय चार बार होगा सुरक्षा ऑडिट
- डेवलेप इमारतों को आरडब्ल्यूए को हैंडओवर करने के लिए भी बनेगी नीति
Gurugram News: फ्लैट्स और सोसायटी अब रहने के लिए असुरक्षित नहीं होंगी। इन्हें सभी स्ट्रक्चरल सेफ्टी गाइडलाइंस का पालन करते हुए बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम के एक निजी होटल में शुक्रवार को बहुमंजिला आवासीय इमारतों में सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए नई स्ट्रक्चरल सेफ्टी गाइडलाइंस जारी की है। जिसके अनुसार अब किसी भी इमारत के निर्माण के दौरान चार बार सुरक्षा मानकों का आडिट किया जाएगा। इस मौके पर नगर तथा ग्राम आयोजन विभाग द्वारा स्ट्रक्चरल गाइडलाइंस पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
इसके अलावा इस कार्यक्रम में यह भी घोषणा की गई कि अब बिल्डरों द्वारा डेवलप इमारतों को आरडब्ल्यूए को हैंडओवर के नियम तय करने के लिए भी नई नीति बनाई जाएगी। इस नीति पर आरडब्ल्यूए से सुझाव लेने के लिए इसे एक माह के अंदर वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इस नीति को 60 दिनों के अंदर प्रकाशित कर दिया जाएगा। इस नीति में आरडब्ल्यूए के इंटरनल गर्वनेंस के नियम भी शामिल होंगे।
नौ प्रमुख कालोनियों को सरकार करेगी टेकओवर
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गुरुग्राम की नौ प्रमुख कालोनियों को शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा टेकओवर किया जाएगा। टेकओवर होने वाली कालोनियों में मालिबु टाउन, ग्रीन वुड सिटी, मेफिल्ड गार्डन, विपुल गार्डन, आरडी सिटी, रोज वुड सिटी, उप्पल साउथ एंड, सुशात लोक एक तथा तीन शामिल हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आरडब्ल्यूए, आवंटियों और अन्य लोगों की मांग पर गुरुग्राम में दो जिला रजिस्ट्रार लगाए जाने की घोषणा की। ये जिला रजिस्ट्रार जीएमडीए के डिप्टी सीईओ के समकक्ष होंगे।
आवंटी ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम फिर होगा शुरू
गुरुग्रामवासियों के लिए मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को फिर से आवंटी ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम को शुरू करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लाटेड कालोनी में अभी आरडब्ल्यूए का प्रावधान नहीं है, लेकिन जल्द ही नीति में इसका प्रावधान किया जाएगा। वहीं आवंटियों को राहत पहुंचाने के लिए कॉलोनाइजर की एक सूची तैयार की जाएगी और उनसे कंपलीशन से जुड़ी कमियों को दूर कराने के साथ अन्य सेवाओं को पूरा करा आरडब्ल्यूए को परिसर हैंडओवर कराया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विशेष रूप से नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।