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Gurugram NSG Fraud: एनएसजी के नाम पर 133 करोड़ रुपये ठगी का मामला, अब ईडी ने संभाली जांच, भेजा नोटिस

Updated May 22, 2022 | 12:12 IST

Gurugram NSG Fraud: एनएसजी में सिविल वर्क दिलाने के नाम पर डिप्टी कमांडेंट द्वारा किए गए ठगी मामले में अब ईडी की भी एंट्री हो गई है। ईडी ने सभी शिकायतकर्ताओं को नोटिस भेजकर इस फर्जीवाड़े से संबंधित सभी जरूरी कागजात मांगे हैं। जिसके आधार पर जांच की जाएगी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
अब ईडी करेगी ठगी मामले की जांच
मुख्य बातें
  • एनएसजी के नाम पर ठगी मामले की अब ईडी भी करेगी जांच
  • ईडी ने शिकायतकर्ताओं को नाटिस भेजकर मांगे जरूरी कागजात
  • डिप्टी कमांडेंट समेत सभी आरोपी अभी बंद हैं भोंडसी जेल के अंदर

Gurugram NSG Fraud: गुरुग्राम में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के नाम पर हुए 133 करोड़ रुपये से अधिक के फ्रॉड मामले में अब जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो चुकी है। ईडी की तरफ से सभी शिकायतकर्ताओं को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि, मुख्य आरोपित प्रवीण यादव को किस तरह से और कितने रुपये दिए गए। को इस बारे में सभी कागजात प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। शिकायकर्ताओं को सबसे पहले प्रवीण यादव और अन्य आरोपितों पर लगाए गए आरोप को प्रमाणित करने के लिए ईडी के पास जरूरी कागजात जमा कराने होंगे, जिसके बाद ईडी पूरे मामले की जांच शुरू करेगा।

बता दें कि, इस साल की शुरुआत में एनएसजी कैंपस के अंदर होने वाले सिविल वर्क में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। इसमें, पांच कंपनियों की तरफ से की गई शिकायत के आधार पर मानेसर थाने के अंदर अलग-अलग कई  मामले दर्ज किए गए हैं। इस ठगी का मास्टर माइंड प्रवीण यादव को बताया जा रहा है, जो गुरुग्राम के ही गांव खुर्रमपुर खेड़ा का रहने वाला है। आरोपी बीएसएफ में कार्यरत था और डेपुटेशन पर एनएसजी में आया था, यह पिछले साल तक एनएसजी में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात था।

पत्‍नी व रिश्‍तेदारों के साथ मिलकर फ्रॉड का आरोप

पुलिस में दर्ज की गई शिकायत में आरोप है कि, प्रवीण यादव ने अपनी पत्नी ममता यादव, बहनोई नवीन कुमार, बहन रितुराज, पिता कमल यादव के साथ मिलकर यह ठगी की है। इस फ्रॉड में बिचौलिए की भूमिका उसके जानकार दिनेश कुमार ने निभाई। इस समय सभी आरोपित न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल के अंदर हैं। इस मामले की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीतपाल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। सहायक पुलिस आयुक्‍त प्रीतपाल ने बताया कि, एसआईटी अभी मामले की जांच कर रही है। अब तक तीन चालान भी पेश किए जा चुके हैं। आरोपी से करोड़ो रुपये की संपत्ति बरामद की जा चुकी है। इस जांच में काफी जानकारी हासिल हुई है, लेकिन अभी कुछ और जानकारी हासिल होने की उम्मीद है।

आरोपी ने ऐसे किया घोटाला

शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि, प्रवीण यादव ने उन्हें बताया था कि, वह आईपीएस है और डेपुटेशन पर एनएसजी में ग्रुप कमांडर के पद पर कार्यरत है। आरोपी ने फर्जी वर्क आर्डर के कागजात देकर उन्‍हें झांसे में लिया। जब काम नहीं मिला तो पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। प्रवीण यादव ने पैसे अपनी पत्नी के नाम बनाई फर्जी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कराई थी। इस मामले में दिनेश ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। उसे कमीशन के रूप में तीन करोड़ रुपये दिए गए थे।