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Orbital Rail Corridor: आर्बिटल रेल कॉरिडोर निर्माण ने पकड़ी रफ्तार, दौड़ेंगी सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेनें

Updated Apr 02, 2022 | 13:57 IST

Orbital Rail Corridor: आर्बिटल रेल कॉरिडोर पर कार्य शुरू हो गया है। इस रूट पर सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। भारतीय रेलवे ने इस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्‍द पूरी करने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह कॉरिडोर गुड़गांव को चंडीगढ़ से जोड़ेगा।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
सालाना 40 लाख यात्री करेंगे इस रूट पर सफर
मुख्य बातें
  • कॉरिडोर बनने के बाद सप्लाई चेन होगी मजबूत
  • इस कॉरिडोर से हो सकेगी सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई
  • कॉरिडोर में 160 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

Orbital Rail Corridor : आर्बिटल रेल कॉरिडोर पर कार्य शुरू हो चुका है। इस संबंध में रेल मंत्रालय ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी कर परियोजना के निष्पादन, रखरखाव, प्रबंधन और संचालन के उद्देश्य से भूमि का अधिग्रहण जल्द पूरा करने की जानकारी दी है। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार 121.74 किमी लंबी इस रेलवे लाइन की अधिकतर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है।

साथ ही गुरुग्राम के अंदर इस परियोजना पर कार्य भी शुरू हो चुका है। हालांकि सोनीपत जिले के 17 गांवों की जिस 91.60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अभी नहीं हो सका है, उसका भी रेल मंत्रालय के सेक्शन 20 ई के नए नोटिफिकेशन के तहत हो जाएगा।

मानेसर में बनेगा जंक्शन

इस परियोजना के तहत मानेसर में जंक्शन बनाया जाएगा, जिस पर कार्य भी शुरू हो गया है। इसे स्पेशल मारुति समेत गुड़गांव के उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है। इससे जिले की लॉजिस्टिक व ऑटोमाबाइल इंडस्ट्री को फायदा होगा। नए जंक्शन को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ कनेक्‍ट किया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले इस प्रॉजेक्ट में मारुति उद्योग, इंटरनैशल कार्गो टर्मिनल, जीएमडीए, ऑल कार्गो लॉजिस्टिक भी शामिल है। इससे गुड़गांव और आसपास के क्षेत्र में स्थित बड़ी कंपनियां को फायदा होगा। इसके अलावा मानेसर जंक्शन के माध्यम से कंटेनर, निर्माण सामग्री, सीमेंट, फ्यूल, गैस, ऑटो पार्टस, वाहन, सब्जियां, फूड आइटम, फूड ग्रेन, आयरन एवं स्टील, कोयला, दवाई और खाद का आवागमन भी आसान हो सकेगा।

जानें, इस परियोजना के बारे में 

इस परियोजना की लागत करीब 5,618 करोड़ रुपये है। इस रूट पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी। परियोजना पूरी होने के बाद इस रूट पर सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इस रूट का डिजाइन सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई करने के लिए किया गया है। वहीं सालाना करीब 40 लाख यात्री भी सफर कर सकेंगे। यह रूट सीधे गुरुग्राम को दिल्ली के बाहर निकालेगा और चंडीगढ़ को जोड़ेगा। इसे मानेसर, न्यू पातली, सुलतानपुर व मांडोठी पर भारतीय रेल की दूसरी लाइनों के साथ इंटरचेंज किया जाएगा।