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Health Tips: क्‍या है 125 साल के स्वामी शिवानंद की सेहत का राज, 'मंत्र' जानकर आप भी कर सकते हैं फॉलो

Updated Mar 19, 2021 | 06:51 IST

स्वामी शिवानंद दुर्गापुरी, वाराणसी के रहने वाले है और बाल ब्रह्मचारी हैं। स्कूली शिक्षा नहीं ली है मगर अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला भाषा बखूबी बोलते हैं।

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swami shivanand
मुख्य बातें
  • स्वामी शिवानंद दुर्गापुरी, वाराणसी के रहने वाले है और बाल ब्रह्मचारी हैं।
  • पढ़ाई न करने के बाद भी रखते हैं अंग्रेजी, हिंदी और बांग्ला भाषा का ज्ञान। 
  • स्वामी शिवानंद कहते हैं कि अगर स्वास्थ्य रहना है तो उबला हुआ खाना खाए। 

Health Tips: सबसे उम्रदराज व्यक्ति के रूप में नाम दर्ज कराने के लिए स्वामी शिवानंद के शिष्यों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आवेदन भी किया है। दरअसल, स्वामी शिवानंद 125 साल के है और पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। 125 साल की उम्र में वो चुस्त-दुरूस्त है और आसानी से योग भी करते है। स्वामी शिवानंद गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में शिष्यों के साथ दस दिन के प्रवास पर आए हैं। क्या आप जानते है उनके शतकपार इस सेहत का राज।

स्वामी शिवानंद दुर्गापुरी, वाराणसी के रहने वाले है और बाल ब्रह्मचारी हैं। स्कूली शिक्षा नहीं ली है मगर अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला भाषा बखूबी बोलते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा से शिष्यों को परिचित कराने के लिए वह गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में आए हुए हैं। बता दें कि पासपोर्ट व आधार कार्ड पर अंकित जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 के अनुसार उनकी आयु 125 वर्ष है। इस उम्र में भी वह एकदम स्वस्थ हैं।

स्वामी शिवानंद इसका राज इंद्रियों पर नियंत्रण, संतुलित दिनचर्या, सादा भोजन और योग को बताते हैं, स्वामी जी का मूल मंत्र है कि मिजाज कूल लाइफ व्यूटीफुल और नोट ऑयल ओनली बॉयल। यानी वो हमेशा शांत रहते हैं और खाने में तेल का प्रयोग नहीं करते हैं। साथ ही सुबह 3 बजे वो सोकर उठ जाते हैं और रात में 9 बजे के पहले ही सो जाते हैं। नाश्ते में लाई चूरा और दोपहर और रात के खाने में दाल रोटी व उबली हुई सब्जी खाते हैं।

स्वामी शिवानंद कहते हैं कि अगर स्वास्थ्य रहना है तो उबला हुआ खाना खाएं। साथ ही खाने में तेल का कम से प्रयोग करें। उनका कहना है कि नमक और चीनी जितना कम हो सके उतना कम खाए। वहीं स्वामी के शिष्य सुब्रोतो ने बताया कि स्वामी जी माता पिता बहुत गरीब थे। इसलिए उन्हे बचपन में एक साधु को सौंप दिया था, जिसके बाद से स्वामी जी उनके के साथ रहे और तभी से वो संयमित जीवन जीते हैं।