- शिशु को मां का दूध पिलाना दवा का काम करता है
- शिशु को नेट में रखें और बाहर कम से कम निकालें
- वायरल फीवर होने पर शिशु को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
सर्दियों का मौसम हर किसी के लिए बेहद तकलीफदेह होता है। खास कर शिशुओं के लिए ठंड तब बेहद कष्टदायी हो जाती है जब वह बीमार पड़ जाते हैं। सर्दियों में शिशुओं को गर्म रखना और उनकी खास देखभाल की बेहद जरूरत होती है। नहलाने, मालिश करने या उनके देर तक भीगे रहने से उन्हें कई तरह की समस्या हो सकती है। शिशुओं को ठंड में सबसे ज्यादा वायरल इंफेक्शन का खतरा रहता है। यदि शिशु को वायरल इंफेक्शन हो जाए और देखरेख में थोड़ी सी भी अनदेखी हो जाए तो वह शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि ऐसी स्थिति आने ही न पाए। इस स्थिति से बचने के लिए इन पांच टिप्स पर अमल करना होगा।
शिशु को बीमार होने से ऐसे बचाएं
- घर के आसपास सफाई का विशेष ध्यान दें। मच्छर-मक्खी आदि से बचने के लिए नेट का उपयोग करें। शिशु के कमरे में कभी बाहर के चप्पल-जूते लेकर न जाएं और न ही बाहर से आते ही शिशु को छूएं। ऐसा करना उसे इंफेक्शन का शिकार बना सकता है।
- ठंड यदि बहुत है तो शिशु को घर से बाहर न निकालें। तभी निकाले जब धूप हो अथवा हवा तेज न हो। यदि धूप में रख रहे तो भी उसे स्वेटर, मोजा और टोपी के साथ दस्ताने पहना कर बाहर लाएं। शिशु की गर्माहट बरकरार रहनी चाहिए। सर्द-गर्म उसे वायरल फीवर दे सकता है।
- यदि किसी को जुकाम या एलर्जी हो तो उससे शिशु को दूर रखें। क्योंकि शिश इस इंफेक्शन का तेजी से शिकार हो सकता है। इस समय उसका इम्युन बेहद कमजोर होता है, इसलिए उसे बीमारी से बचाने का खाास ख्याल रखना होगा।
- यदि शिशु छह महीने से छोटा है तो मां का दूध ही उसके लिए दवा का काम करेगा, लेकिन वह छह महीने से बड़ा है तो उसे ऐसी चीजें ज्यादा खिलाएं जिससे उसका शरीर भी गर्म रहे और इम्युनिटी भी बढ़े। उसे नींबू, संतरा, गाजर, सेब, अनार, गुड़, तिल के बने व्यंजन खिलाएं।
- सर्दियों में बच्चों को नहलाने के लिए तेज गर्म नहीं बल्कि गुनगुने पानी यूज करें। यदि शिशु बहुत छोटा है तो रोज न नहलाएं। इसकी जगह उसकी बंद कमरें में स्पांजिंग करें। शिशु की मालिश ठंड में कमरे में ही करें। बाहर धूप में मालिश तभी करें जब हवा न हो। बंद कमरे में हीटर जला कर ही उसकी मालिश करें।
बीमार बच्चे का ऐसे रखें ध्यान
- अगर उन्हें जुकाम हो गया है तो उसकी नाक पोंछने के लिए मलमल का रुमाल यूज करें या नॉन वूवन नैपकीन यूज करें। एक रुमाल के बार-बार यूज न करें।
- यदि शिशु को वायरल फीवर या इंफेक्शन हो गया हो तो उसे डॉक्टर को दिखाएं और उसे कमरे से कम से कम बारह निकालें।
- यदि टिकाकरण का समय हो तो आप डॉक्टर से पूछने के बाद ही उसे टीका लगवाएं।
- शिशु यदि बड़ा हो तो उसके खाने में खिचड़ी और दलिया का प्रयोग ज्यादा करें
बीमारी से बचाव के लिए शिशु के खाने-पीने का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए। हल्की और सुपाच्य चीजें दें और उसे गर्म रखने का प्रयास करें।