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Coronavirus: वायु प्रदूषण और कोरोना वायरस में सीधा संबंध, एम्स निदेशक ने किया आगाह

Updated Oct 22, 2020 | 23:46 IST

CoronaVirus research: एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं जिससे पता चलता है कि कोविड 19 के प्रसार और वायु प्रदूषण के बीच सीधा संबंध है।

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डॉ रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स दिल्ली
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के प्रसार में वायु प्रदूषण का सहायक, एम्स निदेशक ने किया आगाह
  • इटली और चीन में किए गए शोध से आई जानकारी
  • सर्दियों में जिस तरह स्वाइन फ्लू बढ़ता है वैसे ही कोरोना वायरस भी बढ़ सकता है

नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जहां एक तरफ रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है, वहीं इसकी वजह से मृच्यु दर में कमी आई है। लेकिन खतरा नहीं टला है। पीएम नरेंद्र मोदी बार बार कहते हैं कि जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाता है दो गज जरूरी, मॉस्क का इस्तेमाल लोगों को जरूर करना चाहिए। हाल ही में राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम ने पश्चिमी देशों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से एक बार वहां तेजी से मामले बढ़ रहे हैं उस सूरत में चिंता का बढ़ना लाजिमी है। उस सुर में सुर मिलाते हुए एम्स के डॉयरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी चिंता जताई है। 

वायु प्रदूषण और कोरोना के बीच सीधा संबंध
डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि  सर्दियों के दौरान स्वाइन फ्लू  में इजाफा होता है। संभावना है कि कोरोना वायरस भी ऐसा ही करे। ऐसा डेटा इस समय उपलब्ध है जिससे पता चलता है कि वायु प्रदूषण की वजह से COVID19 का उच्च प्रसार भी हो सकता है। यह इटली और चीन में पिछले कुछ महीनों में किए गए एक अध्ययन पर आधारित है। 

प्लाज्मा थिरेपी मैजिक बुलेट नहीं
प्लाज्मा थिरेपी के बारे में रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इसके जरिए शत प्रतिशत इलाज का दावा नहीं किया जा सकता है। बेहतर यह होगा कि अगर किसी में हल्के लक्षण भी सामने आते हैं तो उसे लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बता दें कि आईसीएमआर से इस संबंध में ऐलान किया है कि बहुत जल्द ही कोरोना के इलाज के लिए जो प्रोटोकॉल बनाए गए हैं उसमें से प्लाज्मा थिरेपी को हटा लिया जाएगा। इस विषय पर पर एम्स के निदेशक ने कहा कि अभी तक इस पर विस्तार से अध्ययन नहीं हुआ है लिहाजा उनके लिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

 

दिल्ली में वायु प्रदूषण में इजाफा
एम्स निदेशक के इस जानकारी के बाद दिल्ली और एनसीआर में रहने वालों के लिए परेशानी की बात है। अभी सर्दियों की शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है। सफर के मुताबिक इसमें और इजाफा होगा। जैसे जैसे हवा की रफ्तार में कमी आएगी धूल के कण वातावरण से नहीं छंट पाएंगे और उसका असर उन लोगों पर अधिक होगा जो अस्थमा या किसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं। 

प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के स्तर पर लगाम लगाने के लिए सीपीसीबी की तरफ से लगातार हिदायतें भी दी जा रही हैं। दिल्ली सरकार ने बुधवार से रेड लाइट ऑन और गाड़ी ऑफ कैंपेन को शुरू किया है। इसके साथ ही अलग अलग जगहों पर एंटी स्मॉग गन के साथ साथ एयर प्यूरिफायर लगाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने 15 अक्टूबर से डीजल जेनसेट को बंद करने का फैसला किया है।