- ल्यूकोरिया दूर करने में अशोक का पेड़ कारगर है
- स्टोन से होने वाले दर्द में इसके बीज फायदेमंद हैं
- इसका लेप सौंदर्य निखार के भी काम आता है
अशोक का पेड़ ज्योतिष में दुखों का नाश करने वाला माना गया तो आयुर्वेद में ये कई बीमारियों कि दवा है। खास बात ये है कि इस पेड़ की छाल से लेकर उसके पत्ते, जड़ और फूल सब में कुछ न कुछ औषधिय गुणवत्ता है। महिलाओं की कई बीमारियों का इलाज इस पेड़ में छुपा है। आयुर्वेद में इसे वूमेन फ्रेंडली पेड़ कहा गया है,क्योंकि ये महिलाओं के रोग ही नहीं उनके एजिंग को बढ़ने से भी रोकता है।
इसके सूखे तने, छाल और फूल, बीज आदि से टॉनिक और कैप्सूल तक बनाया जाता है। आयुर्वेद में हेमपुष्प या ताम्र पल्लव भी इसे कहा जाता है। इसके पत्ते, छाल, फूल, बीज और यहां तक कि जड़ें भी दवा के रूप में प्रयोग की जाती हैं। तो आइए जानें कि किन पांच बीमारियों में ये दवा का काम करता है।
अशोक के पेड़ के इन आयुर्वेदिक गुणों को जरूर जानें
श्वेत प्रदर और पीरियड्स में फायदेमंद है अशोक की छाल
जिन महिलाओं को श्वेत प्रदर यानी व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या हो या जिनके परियड्स अनियमित हो या कोई इससे जुड़ी समस्या हो तो उसमें अशोक की पेड़ की छाल का काढ़ा बहुत काम आता है। यदि परियड्स हैवी हों या समय पर न आएं तो अशोक की छाल को पीस लें और बराबर मात्रा में इसमें धागे वाली मिश्री मिला कर दिन में कम से कम तीन बार जरूर खाएं। यदि काढ़ा पी रहे हो तो कम से कम दो बार इसका सेवन करें।
फोड़े-फुंसी ही नहीं एजिंग इफेक्ट भी होंगे दूर
कई लोगों को फोड़े-फुंसी हमेशा होते रहते हैं। ऐसे लोगों को अशोक की छाल को पानी में उबालकर एक लेप के समान काढ़ा बना लेना चाहिए। फिर इसे लेप में सरसों का तेल मिक्स कर प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे फोड़े-फुंसियों में आराम मिलेगा और त्वचा का रंग भी साफ होगा। इसे फेस पर लगाने से चेहरे में निखार आता है और एजिंग इफेक्ट कम होता है।
किडनी में स्टोन का दर्द कम होता है
यदि किडनी में आपके स्टोन है और उसका दर्द हो रहा तो आपको दो ग्राम अशोक के बीज को पानी में पीस कर दो-दो चम्मच दिन में तीन बार लेना चाहिए। ये दर्द से बहुत जल्दी राहत देगा।
यूरिन से जुड़ी समस्या का निदान
यूरिन से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का हल अशोक के बीजों में होता है। इसके बीज को पीस कर रोज सुबह-शाम लेना शुरू करें। ये यूरिन से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म कर देगा।
गर्भाधान में सहायक
जिन महिलाओं को बच्चे नहीं हो रहे या बच्चे टिक नहीं पाते उन्हें दो से तीन ग्राम अशोक के फूल लेकर इन्हें दही में मिलाकर खाना चाहिए। ऐसा रोज करने से गर्भधारण आसानी से किया जा सकता है और गर्भ टिका रहता है।
कोई भी आयुर्वेदिक औषधिय का प्रयोग एक साथ कई रोगों के लिए न करें। औषधिय प्रयोग से पहले डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।
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